फर्रुखाबादl जिले के फतेहगढ़ कोतवाली और पुलिस लाइन में तैनात अफसरों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक सिपाही ने सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल कर आत्महत्या की धमकी दे डाली। घटना के सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और मामले की जांच की मांग तेज हो गई है।
वायरल पोस्ट में पुलिस लाइन में तैनात सिपाही सुरेंद्र सिंह ने लिखा— “प्रिय भाइयों, मित्रों… अगर मेरे साथ कुछ गलत हो जाता है या मैं आत्महत्या कर लूं तो इसके लिए मेरे ही विभाग के उच्चाधिकारी जिम्मेदार होंगे। मुझे बेवजह परेशान किया जा रहा है और मेरे मूल अधिकारों का भी हनन हो रहा है।” इस पोस्ट के बाद विभाग में हड़कंप मच गया।
सिपाही सुरेंद्र सिंह ने अपने बयान में स्पष्ट आरोप लगाया कि अधिकारी उसकी निजी जिंदगी में हस्तक्षेप कर रहे हैं और किसी भी झूठे मुकदमे में उसे फँसा सकते हैं। उसने लिखा कि वह लगातार मानसिक उत्पीड़न से गुजर रहा है और इसी दबाव में आत्महत्या तक करने की सोच रहा है। सुरेंद्र ने सीधे तौर पर एसएचओ फतेहगढ़, प्रतिसार निरीक्षक और अन्य उच्चाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया।
सिपाही ने आगे लिखा कि अधिकारियों का उसके जीवन में इस तरह दखल देने का संवैधानिक अधिकार कहाँ से आता है। उसने अपने साथ हो रहे व्यवहार को “मानवाधिकार और मूल अधिकारों का उल्लंघन” बताया। पोस्ट वायरल होते ही सोशल मीडिया पर पुलिस विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं।
उधर, विभागीय अधिकारियों ने सिपाही के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है। फतेहगढ़ कोतवाली प्रभारी रणविजय सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि, “सिपाही सुरेंद्र सिंह द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। मेरे यहाँ से उसका कोई लेना-देना नहीं है।” उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच कराई जाएगी और हकीकत सामने लाई जाएगी।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सुरेंद्र सिंह लंबे समय से मानसिक तनाव में चल रहा था और कई बार अफसरों से उलझ चुका था। हालांकि, विभागीय सूत्र यह भी मानते हैं कि अगर आरोपों में जरा भी सच्चाई है तो मामले को गंभीरता से लेकर सख्त कार्रवाई जरूरी है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होने के बाद सुरेंद्र सिंह के साथियों और परिजनों में भी चिंता का माहौल है। लोग उसकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, विभाग के अफसर इस घटना को लेकर आंतरिक स्तर पर भी चर्चा कर रहे हैं।