नई दिल्ली: आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) की शुरुआत हो चुकी है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 26 सितंबर शुक्रवार को शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है। नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा (maa Kushmanda) को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर मां कूष्मांडा की पूजा की जाएगी। इस दिन आदिशक्ति के चौथे स्वरूप देवी कुष्मांडा की पूजा का विधान है।
देवी मां कूष्मांडा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इनकी पूजा से दुख-दोष और दरिद्रता दूर होती है। मान्यता है कि, मां कूष्मांडा ने अपनी हल्की मुस्कान से सृष्टि की रचना की। स्वरूप की बात करें तो मां की आठ भुजाएं हैं। इसलिए इन्हें अष्ट भुजाधारी भी कहते हैं हैं। मां एक हाथ में जप की माला और अन्य सात हाथों में धनुष, बाण, कमंडल, कमल, अमृत पूर्ण कलश, चक्र और गदा है।
शारदीय नवरात्र के चौथे दिन यानी शुक्रवार को मां कूष्मांडा की पूजा के लिए सुबह 04:33 से 05:21 तक पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त रहेगा। सुबह 11:47 से 12:35 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इसके बाद दोपहर 02:12 से 03:00 तक विजय मुहूर्त रहेगा।
मां कूष्मांडा पूजा मंत्र
ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः
कूष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम: