अमृतपुर/फर्रुखाबाद: देश के मान और सम्मान के लिए सीमाओं पर सेनाये तैनात रहती है। कोई आतंकी या अन्य कोई बाहरी देश अपने देश के साथ कोई हरकत ना कर सके इसके लिए संपूर्ण देश सतर्क रहता है। फिर चाहे अन्य कोई बाहरी देश हो कहीं पर भी राष्ट्रीय ध्वज (National flag) का अपमान भी बर्दाश्त नहीं किया जाता। राष्ट्रीय त्योहार (national festival) जिसमें 26 जनवरी, 15 अगस्त जैसे कार्यक्रमों में भी राष्ट्रीय ध्वज को सर्वोपरि रखा जाता है।
इस राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी राष्ट्रीय ध्वनि जन गण मन अधिनायक जय हे के बजने पर 52 मिनट के लिए मौन स्थिति में खड़े हो जाते हैं। नियमों के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज ना तो फटा हुआ हो ना उल्टा लहराया जाए ना गंदा हो और ना ही उसकी आकृति टेढ़ी-बनी होनी चाहिए। अगर ऐसा कहीं होता है तो वह राष्ट्रीय विरोधी माना जाता है और कानून की नजर में गलत होता है। अमृतपुर के स्वर्गीय ब्रह्मदत्त जूनियर हाई स्कूल के प्रांगण में विशाल ऊंचे खंबे पर लगा भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा कई दिनों से फटेहाल स्थिति में लहरा रहा है।
इस तरफ ना तो किसी अधिकारी का ध्यान गया और न हीं स्कूल में किसी शिक्षक ने इसे बदलना उचित समझा। जब शिक्षा के इस मंदिर में ही भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फटेहाल में लहराया जाएगा तो फिर इसका असर अध्ययन करने वाले छात्रों के दिमाग पर भी पड़ेगा। ऐसी स्थिति में इस राष्ट्रीय ध्वज को बदलना शिक्षा के इस मंदिर में अध्ययन कराने वाले अध्यापकों का कर्तव्य हो जाता है। परंतु स्कूल के प्रांगण में लगे इस राष्ट्रीय ध्वज की स्थिति देखकर इसे नजर अंदाज कर देना कानूनन अपराध माना जाएगा। प्रत्येक भारतीय के लिए तिरंगा हौसला और गर्व का प्रतीक होता है। दिलों में बसने वाले इस तिरंगे के साथ हमेशा सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए।


