यूपी में अब घर ही बनेगा होटल! ‘होमस्टे नीति से ग्रामीण परिवारों की आय को मिलेगी उड़ान
-पर्यटकों को मिलेगा घर जैसा माहौल, स्थानीय परिवारों को सीधी कमाई का अवसर
मोहम्मद आकिब खांन, लखनऊ
यूथ इंडिया: उत्तर प्रदेश में पर्यटन को नया आयाम देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग (Uttar Pradesh Tourism Department) ने ‘बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति- (homestay policy) 2025’ को राज्य भर में लागू कर दिया है। इस महत्वाकांक्षी नीति का प्राथमिक उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए स्थायी आय के अवसर सृजित करना है, जबकि पर्यटकों को उच्च-मानक, सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध आवास प्रदान करना है।
संस्कृति के अनुभव से रोज़गार का सृजन
पर्यटन विभाग का मानना है कि यह नीति सिर्फ आवास की कमी को पूरा नहीं करेगी, बल्कि पर्यटकों को वास्तविक भारतीय संस्कृति, रीति-रिवाजों और पारंपरिक व्यंजनों का सीधा अनुभव करने का अनूठा मौका देगी। यह पहल स्थानीय परिवारों के साथ रहने और भारत की विविध परंपराओं को करीब से जानने का अवसर प्रदान करेगी।
स्वतः रोज़गार का मॉडल किया गया है स्थापित
इस नीति के तहत, घरेलू गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक स्वतः रोज़गार का मॉडल स्थापित किया गया है। विभाग का लक्ष्य है कि नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि युवाओं, महिलाओं और ग्रामीण परिवारों को इस योजना से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके। यह पहल विशेष रूप से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और युवाओं के पलायन को कम करने में सहायक होगी।
पंजीकरण और संचालन के यह हैं नियम
होमस्टे नीति-2025 के तहत, धार्मिक और पर्यटन स्थलों के आस-पास रहने वाले कोई भी इच्छुक व्यक्ति अपनी आवासीय इकाई को होमस्टे के रूप में रजिस्टर करा सकते हैं। कोई भी व्यक्ति अपनी इकाई में न्यूनतम 1 कमरा से लेकर अधिकतम 6 कमरों तक को होमस्टे के रूप में रजिस्टर करा सकता है। रजिस्टर की गई इकाई में अधिकतम 12 बेड (बिस्तरों) की अनुमति होगी, ताकि होमस्टे का मूल पारिवारिक स्वरूप बना रहे। पर्यटकों को लगातार 7 दिन तक होमस्टे सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति होगी। यह सीमा पर्यटकों की आवाजाही को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रखी गई है।
पर्यटकों और मेजबान परिवार दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी कमेटी
सुरक्षा मानकों और पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए, अनुमति जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की अगुवाई वाली एक संयुक्त कमेटी के माध्यम से पूरी की जाएगी। यह कदम पर्यटकों और मेजबान परिवार दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।


