ऋषिकेश (उत्तराखंड): उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल ऋषिकेश में इस बार रामलीला और राम बारात को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। स्थानीय रामलीला कमेटी के दो गुटों के बीच चल रहे आपसी मतभेद और मुकदमों के बीच प्रशासन ने इस बार राम बारात की अनुमति देने से इंकार कर दिया, जिसके विरोध में रामलीला कलाकार और आयोजक पूरी मंडली लेकर सीधे पुलिस स्टेशन पहुंच गए।
रामलीला कमेटी के दो गुट एक-दूसरे पर आयोजन स्थल और अधिकारों के दावे को लेकर लंबे समय से टकराते रहे हैं। इस बार दोनों पक्षों ने अलग-अलग दावे पेश किए और मुकदमेबाजी भी चल रही थी।
प्रशासन ने सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बारात की अनुमति न देने का फैसला लिया।
अनुमति न मिलने पर कलाकारों और आयोजकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने पुलिस को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि दशकों से चली आ रही परंपरा और धार्मिक उत्सव को रोकना श्रद्धालुओं के साथ अन्याय है।
आयोजकों का कहना है कि रामलीला और बारात न केवल धार्मिक परंपरा का हिस्सा हैं, बल्कि इससे जुड़े स्थानीय कारीगरों, वस्त्र निर्माताओं और छोटे व्यवसायों की रोज़ी-रोटी भी जुड़ी हुई है। उन्होंने प्रशासन से तटस्थ मध्यस्थता कराकर समाधान निकालने की मांग की।
प्रशासन ने बताया कि अनुमति न देने के पीछे कानून-व्यवस्था, ट्रैफिक और विवादित स्थिति जैसे तर्क शामिल थे। पुलिस ने भी शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की है और दोनों पक्षों से संयम रखने की अपील की है।
प्रशासन और कमिटी के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।
आयोजक मांग कर रहे हैं कि यदि राम बारात निषिद्ध रहती है तो उन्हें वैकल्पिक स्थान और तिथि दी जाए ताकि परंपरा और रोजगार दोनों सुरक्षित रहें।
यह मामला न केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित है, बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक संतुलन, रोजगार और नगर प्रशासन के लिए भी चुनौती बन गया है।