लखनऊ: महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को मज़बूत करने के लिए मिशन शक्ति का पाँचवाँ चरण 21 अक्टूबर तक चलेगा। Yogi government का महीने भर चलने वाले Mission Shakti-5 अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर शुरू करना, महिला थानों की संख्या बढ़ाना और महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में विस्तार करना है।
इसके अतिरिक्त, पिंक बूथ और गश्ती दस्तों को और मज़बूत किया जा रहा है ताकि महिलाएँ समाज में निडर होकर भाग ले सकें। मिशन शक्ति का पाँचवाँ चरण महिलाओं के जीवन में बदलाव की एक नई दिशा तय कर रहा है। यह चरण न केवल एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है, बल्कि शिक्षा, रोज़गार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त भी बनाता है।
योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश को महिलाओं के लिए एक सुरक्षित, सशक्त और अवसर-समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में उभर रही है। मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी पद्मजा चौहान ने यहाँ बताया कि मिशन शक्ति के पाँचवें चरण में शिक्षा को महिला सशक्तिकरण का सबसे सशक्त माध्यम माना गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। छात्रवृत्ति योजनाओं और डिजिटल शिक्षा कार्यक्रमों का और विस्तार किया जा रहा है। मिशन शक्ति के तहत चल रहे कार्यक्रम न केवल महिलाओं को ज्ञान प्रदान करेंगे, बल्कि उन्हें रोज़गार और उद्यमिता के नए अवसरों से भी जोड़ेंगे। इस चरण में महिला स्वास्थ्य को लेकर विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। स्वच्छता, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित कार्यशालाएँ और स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।
ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुँच सुनिश्चित करने पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, महिलाओं में उद्यमिता और स्वरोज़गार योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार लघु उद्योगों, स्टार्टअप और स्वरोज़गार के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है, जिससे महिलाएँ आर्थिक रूप से स्वतंत्र होकर अपने परिवार और समाज में अपनी स्थिति मज़बूत कर सकें। मिशन शक्ति के पाँचवें चरण में, आत्मरक्षा, जीवन कौशल और नेतृत्व विकास पर केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों में आयोजित इन कार्यशालाओं का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाना है।
नोडल अधिकारी ने बताया कि इस चरण में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानूनी उपाय भी शामिल हैं। अपराधियों को शीघ्र न्याय मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिले में विशेष निगरानी प्रणाली और फास्ट-ट्रैक अदालतें सक्रिय की गई हैं। पुलिस प्रशासन को महिलाओं से संबंधित मामलों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि महिलाओं के सम्मान और अधिकारों से किसी भी स्तर पर समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।