सीतापुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां मंगलवार दोपहर 12:20 बजे करीब दो साल बाद जिला कारागार से रिहा हो गए। जेल से बाहर निकलते ही उनके समर्थकों में खुशी और उत्साह का माहौल छा गया। उनके स्वागत के लिए जिला कारागार के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात थी, साथ ही ड्रोन टीम और पीएसी के जवान भी मुस्तैद रहे।
जानकारी के अनुसार, आजम खां की रिहाई के लिए सुबह से ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष सतर्कता बरती गई। जिला कारागार के सामने ओवर ब्रिज पर खड़े समर्थकों को पुलिस ने हटाया। इस दौरान एएसपी उत्तरी आलोक सिंह, प्रशिक्षु आईपीएस विनायक भोंसले, यातायात निरीक्षक फरीद अहमद और करीब आठ थानों की फोर्स तैनात रही।
रिहाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आजम खां दो गाड़ियों में जेल से बाहर आए। पहली गाड़ी में आजम खां अपने पुत्र अदीब, अब्दुल्ला, अपने प्रतिनिधि और दो अन्य लोगों के साथ थे। दूसरी गाड़ी में उनका व्यक्तिगत सामान रखा था, जिसमें किताबें, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल थीं।
आजम खां की रिहाई से पहले जुर्माना भी कोर्ट में जमा किया गया। रामपुर एमपी/एमएलए कोर्ट में दो अलग-अलग जुर्माने, प्रत्येक तीन-तीन हजार रुपये, जमा किए गए। रिहाई की खबर सुनते ही सुबह करीब 5 बजे से रामपुर से सपा विधायक अनिल वर्मा और समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ता जिला कारागार के बाहर पहुंच गए थे। जैसे-जैसे दिन बढ़ा, समर्थकों की संख्या और बढ़ती गई।
आजम खां के बेटे अदीब खां सुबह सवा सात बजे जिला कारागार पहुंचे और करीब 15 मिनट रुकने के बाद बाहर निकले। उन्होंने मीडिया से किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार किया और सपा के पूर्व विधायक अनूप गुप्ता के आवास पर चले गए।
आजम खां के खिलाफ कुल 104 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 93 मामले रामपुर जिले के हैं। सभी मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है। समाजवादी पार्टी की सांसद रुचिवीरा मंगलवार को सीतापुर पहुंची और न्यायपालिका को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आजम खां पहले अपने परिवार से मिलेंगे और इसके बाद आगे की राजनीतिक रणनीति तय होगी।
सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खां जेल से गाड़ी में बाहर निकले। उन्होंने आंखों पर काला चश्मा लगाया हुआ था और कार की फ्रंट सीट पर बैठे नजर आए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आजम खां सीतापुर जेल से सीधे रामपुर अपने घर पहुंचे। इस दौरान पुलिस की गाड़ियों के साथ समर्थकों का काफिला और मीडिया की गाड़ियां भी शामिल थीं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
बताया गया कि आजम खां की रिहाई सुबह 7 बजे होनी थी, लेकिन जमानत मिलने के बाद जुर्माना जमा न होने के कारण इसे टाल दिया गया। अब कोर्ट में बॉन्ड जमा करने के बाद ही उनकी रिहाई संभव हो पाई। इसके अलावा, आजम खां को रिसीव करने के लिए पहुंची 15 गाड़ियों का ट्रैफिक पुलिस ने चालान कर दिया। ट्रैफिक नियम तोड़ने पर यह कार्रवाई की गई।
23 माह के बाद आजम खां ने जेल से बाहर आकर खुली हवा में सांस ली और समर्थकों के लिए यह खुशी का पल बन गया। इस घटना से समाजवादी पार्टी और उनके समर्थकों में उत्साह और उमंग का माहौल बना हुआ है।