बाढ़ की स्थिति गंभीर: गंगा का जलस्तर घटा, जान माल और रोज़गार प्रभावित

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फर्रुखाबादl देर रात गंगा नदी का जलस्तर 5 सेंटीमीटर घटकर 136 सेंटीमीटर पर पहुंच गया है, लेकिन जिले की तीनों तहसीलों के गांवों में बाढ़ का संकट अब भी अत्यंत गंभीर बना हुआ है। डेढ़ महीने से लगातार बाढ़ का सामना कर रहे ग्रामीणों को अपने घरों से बाहर निकलने के लिए नावों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। कई जगह लोग गहरी पानी में से होकर गुजरने को मजबूर हैं, जिससे उनकी जान-माल और दैनिक जीवन पर गंभीर असर पड़ा है।

गांवों में लगातार जलभराव के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, खासकर जलजनित बीमारियों और संक्रमण का डर बढ़ गया है। इसके अलावा, स्थानीय किसानों और ग्रामीणों के लिए पशुओं के चारे की समस्या गंभीर हो गई है। पशु-पक्षियों के लिए पर्याप्त चारा उपलब्ध नहीं होने से उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। सदर और कायमगंज तहसील क्षेत्रों में गंगा का कटान जारी है, जिससे कई लोग बाढ़ शरणालयों में रहकर अस्थायी जीवन व्यतीत कर रहे हैं, जबकि कुछ अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण लेने को मजबूर हैं। कई लोग सड़क किनारे अस्थायी आश्रयों में रह रहे हैं और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन जीने को मजबूर हैं।

बाढ़ के कारण स्टेट हाईवे और शाहजहांपुर-शमशाबाद मार्ग पर भी पानी का बहाव जारी है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। कंपिल-बदायूं मार्ग कई स्थानों पर कट चुका है। एक स्थान पर ग्रामीणों ने अस्थायी पुल का निर्माण किया है, जबकि दूसरी जगह आवागमन केवल नाव के माध्यम से ही संभव है।

स्थानीय प्रशासन, पुलिस और राहत एजेंसियां प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में दिन-रात जुटी हुई हैं। बचाव कार्य के साथ-साथ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, आवश्यक भोजन, दवा और पेयजल उपलब्ध कराने के प्रयास लगातार जारी हैं। बावजूद इसके, बाढ़ का असर ग्रामीणों के जीवन पर व्यापक और गंभीर रूप से महसूस किया जा रहा है।

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