पेशावर: पाकिस्तानी आर्मी (Pak army) ने खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) (केपी) प्रांत में भीषण बमबारी की है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की तिराह घाटी में बीते रविवार को पाकिस्तानी वायु सेना ने बमबारी करके अपने ही देश की महिलाओं और कई बच्चों समेत कम से कम 30 लोग मार दिए। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और निष्पक्ष जाँच की माँग की है। रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी वायु सेना ने सोमवार तड़के बमबारी की, जिसमें जेएफ-17 विमानों ने तिराह घाटी के मत्रे दारा गाँव पर बम गिराए।
यह बमबारी प्रतिबंधित तहीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के खिलाफ पाकिस्तान के चल रहे आतंकवाद-रोधी अभियानों का हिस्सा थी, जो पाकिस्तान में कई आतंकी हमलों के लिए ज़िम्मेदार है। हमले के बाद मृत पड़े छोटे बच्चों और विलाप करते लोगों के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। बमबारी ने गाँव के कई घरों को तबाह कर दिया। एक बयान में, पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने कहा कि उसे यह जानकर गहरा सदमा लगा है कि खैबर पख्तूनख्वा के खैबर जिले के तिराह में कथित तौर पर हवाई बमबारी के परिणामस्वरूप बच्चों सहित कई नागरिक मारे गए हैं।
हम मांग करते हैं कि अधिकारी इस घटना की तत्काल और निष्पक्ष जाँच करें और ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा दें। राज्य संवैधानिक रूप से सभी नागरिकों के जीवन के अधिकार की रक्षा करने के लिए बाध्य है, जिसे वह बार-बार सुरक्षित रखने में विफल रहा है। अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिका के पूर्व राजदूत ज़ल्माय खलीलज़ाद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इसे एक भयानक त्रासदी बताया। “#पाकिस्तान से दुखद समाचार: उसकी वायु सेना ने खैबर पख्तूनख्वा के एक गाँव में लगभग 30 नागरिकों को मार डाला। क्यों? विवरण स्पष्ट नहीं हैं। यह एक भयानक त्रासदी है। मेरी संवेदनाएँ।”
अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा कि पाकिस्तान में पूर्व एफएटीए बेल्ट (पाकिस्तान के संघीय प्रशासित कबायली क्षेत्र) के लोगों को हमेशा “बेकार” समझा जाता रहा है और इस हमले की ख़बर पाकिस्तान के मुख्यधारा के उर्दू या अंग्रेज़ी मीडिया में आने की संभावना कम ही है। उन्होंने यह भी पूछा, “क्या यह पाकिस्तान के बाल्कनीकरण की शुरुआत नहीं है?” और आगे कहा, मुझे लगता है कि यह निश्चित रूप से है।