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Monday, September 22, 2025

“सेवा ही परम धर्म”: घायल बैल को मिला नया जीवन, शमशाबाद में मानवीयता की मिसाल

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शमसाबाद: कहावत है – “सेवा ही परम धर्म है”, और जब यह सेवा किसी असहाय, बेजुबान जीव के प्रति की जाए, तो वह और भी पुण्यकारी मानी जाती है। फर्रुखाबाद के विकासखंड शमशाबाद (Development Block Shamshabad) में एक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला, जहाँ कुछ संवेदनशील और सेवा-भाव रखने वाले लोगों ने एक गंभीर रूप से घायल बैल (Injured bull) की जान बचाने का नेक कार्य किया।

के अनुसार, एक आवारा गोवंश (बैल) पिछले कई दिनों से गंभीर पीड़ा से जूझ रहा था। उसके पैर में गहरा घाव हो गया था, जिससे उसे चलना-फिरना तक मुश्किल हो गया था। लगातार बढ़ते घाव और दर्द के कारण वह भोजन भी नहीं कर पा रहा था, जिससे उसकी हालत और भी बिगड़ती जा रही थी। उसके शरीर में तेज बुखार भी था, और वह पूरी तरह असहाय अवस्था में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहा था।

सोमवार को जब कुछ जागरूक नागरिकों ने बैल की हालत देखी, तो वे खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने तत्काल पशु चिकित्सा विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही विभाग की टीम मौके पर पहुँची और घायल बैल की गंभीरता से जाँच और इलाज शुरू किया। पशु चिकित्सकों ने सबसे पहले बैल के बुखार का इलाज किया। जब उसकी हालत थोड़ी सामान्य हुई, तब उसे जीवन रक्षक दवाइयाँ दी गईं और उसके घाव की सफाई करके मरहम-पट्टी की गई। पशु चिकित्सा टीम ने बताया कि यदि समय रहते इलाज न मिलता, तो बैल की जान बचा पाना मुश्किल था।

स्थानीय लोगों का सेवा भाव और मानवीयता की भावना देख हर कोई उनकी सराहना कर रहा है। बैल भले ही बोल नहीं सकता था, लेकिन उसकी पीड़ा को समझा गया और उसे वो सहारा मिला, जिसकी उसे बेहद जरूरत थी। लोगों का कहना है कि शायद ईश्वर ने कुछ इंसानों को इस बैल की जान बचाने के लिए दूत बनाकर भेजा था।

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