फर्रुखाबाद: शहर के प्रमुख तिराहों और चौराहों पर शासन द्वारा यातायात व्यवस्था को सुधारने और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से ट्रैफिक सिग्नल लाइट्स (traffic signal lights) की स्थापना की गई है। बावजूद इसके, कई वाहन चालक नियमों की खुलेआम अनदेखी कर रहे हैं। रेड लाइट (red light) होने पर भी वाहन चलाना बंद नहीं किया जा रहा है, जिससे “नींबू का पालन” — यानी नियमों का पालन — एक मज़ाक बनकर रह गया है।
पिछले कुछ महीनों में प्रशासन ने कई मुख्य स्थानों पर ट्रैफिक लाइट सिस्टम को सक्रिय किया है। यह कदम नागरिकों की सुरक्षा और सड़क पर अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया गया था। परंतु ग्राउंड रिपोर्ट और चश्मदीदों की मानें तो, सिग्नल के बावजूद लोग बेपरवाह होकर रेड लाइट पार कर रहे हैं।
ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने बताया कि “हर चौराहे पर हर समय मौजूद रहना संभव नहीं है। लोग तब तक नियम नहीं मानते जब तक कोई सख्ती न हो।” कई बार चालान काटे जाने के बावजूद कुछ लोगों में सुधार नहीं आया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब जरूरत है कि इन चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि रेड लाइट जम्प करने वालों की पहचान की जा सके और ऑटोमैटिक चालान की व्यवस्था शुरू की जाए।