फर्रुखाबाद: सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और दोपहिया वाहन चालकों में हेलमेट की अनिवार्यता को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन द्वारा शुरू किया गया “नो हेलमेट, नो फ्यूल” अभियान (No helmet, no fuel campaign) अब पूरी तरह से दम तोड़ता नजर आ रहा है। शहर के अधिकांश पेट्रोल पंपों (Petrol pumps) पर आज भी बिना हेलमेट पहने बाइक चालकों को धड़ल्ले से पेट्रोल दिया जा रहा है, और इस पर प्रशासन ने चुप्पी साध ली है।
“नो हेलमेट, नो फ्यूल” अभियान की शुरुआत कुछ महीनों पहले बड़े जोरशोर से की गई थी। उद्देश्य साफ था — हेलमेट को अनिवार्य बनाकर सड़क हादसों में होने वाली मौतों को रोका जाए। शुरूआती दिनों में कुछ पेट्रोल पंपों पर सख्ती देखने को मिली, लेकिन कुछ ही समय में नियमों की अनदेखी शुरू हो गई।
अब हालात ये हैं कि शहर के लगभग हर बड़े पेट्रोल पंप पर बिना किसी रोक-टोक के लोगों को पेट्रोल मिल रहा है, चाहे उन्होंने हेलमेट पहना हो या नहीं। सवाल उठता है कि जब नियम बना है, तो उसका पालन क्यों नहीं हो रहा? क्या पेट्रोल पंप संचालकों को नियमों की जानकारी नहीं है, या फिर उन्हें प्रशासन की ओर से कोई डर नहीं है? कई स्थानों पर तो पंपकर्मियों ने साफ कहा, “हमें मना नहीं किया गया, और ग्राहक झगड़ा करने लगते हैं।”