फर्रुखाबाद। डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, अस्पताल में दलालों का एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जो गंभीर रूप से बीमार बच्चों के परिजनों को बहलाकर-फुसलाकर उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल्स में रेफर करवा रहा है। इस गोरखधंधे से दलालों की जेबें गर्म हो रही हैं, जबकि आम जनता को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
मीडिया को मिले इनपुट के अनुसार, ये दलाल खुद को अस्पताल स्टाफ का सदस्य या सामाजिक कार्यकर्ता बताकर पेश करते हैं। जब कोई बीमार बच्चा इलाज के लिए अस्पताल पहुंचता है, तो दलाल उसके परिवार से संपर्क कर यह कहता है कि सरकारी अस्पताल में इलाज में देरी होगी या पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। फिर यह कहा जाता है कि “जान बचाने के लिए” तुरंत किसी नामी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी है।
सूत्रों की मानें तो इन दलालों की दिल्ली-एनसीआर के कई निजी अस्पतालों से सीधी सांठगांठ है। हर एक “मरीज रेफरल” पर दलालों को मोटा कमीशन मिलता है, जिसकी रकम ₹5,000 से शुरू होकर हजारों तक जा सकती है — यह मरीज की स्थिति, अस्पताल और इलाज की लागत पर निर्भर करता है।
इस गिरोह की सबसे दुखद बात यह है कि इसका शिकार ज्यादातर वो लोग बन रहे हैं जो समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके से आते हैं। अपने बच्चे की जान बचाने की उम्मीद में वे लाखों रुपये उधार लेकर निजी अस्पतालों की ओर दौड़ पड़ते हैं — जहां इलाज की गारंटी भी नहीं होती, और जेब पूरी तरह खाली हो जाती है।