लखनऊ। अभिनेता और समाजसेवी सोनू सूद की “मसीहा” वाली छवि पर अब सवाल उठने लगे हैं। चार दिन तक चली आयकर विभाग की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उन्होंने सभी को चौंका दिया है।
जांच के दौरान यह पता चला कि जुलाई 2020 से अप्रैल 2021 तक सोनू सूद फाउंडेशन को कुल 18.94 करोड़ रुपए का चंदा प्राप्त हुआ। लेकिन फाउंडेशन की गतिविधियों और खर्च का ऑडिट करने पर पता चला कि इसमें से केवल 1.9 करोड़ रुपए का ही खर्च हुआ। शेष लगभग 17 करोड़ रुपए बैंक खातों में पड़े मिले।
इसके अलावा लखनऊ स्थित उनकी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी में 175 करोड़ रुपए की फर्जी बिलिंग और 65 करोड़ रुपए की अन्य अनियमितताओं का भी खुलासा हुआ।
आयकर विभाग की छापेमारी में 1.8 करोड़ रुपए नकद बरामद किए गए और 11 बैंक लॉकर सील कर दिए गए। विदेशी चंदे में भी गड़बड़ी सामने आई है। जांच में पाया गया कि 2.1 करोड़ रुपए का विदेशी चंदा FCRA नियमों का उल्लंघन कर लिया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले में जनता की भावनाओं और विश्वास का सहारा लेकर पर्दे के पीछे बड़े पैमाने पर वित्तीय खेल खेले जा रहे थे।
सोनू सूद की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह खुलासा उनके समाजसेवी छवि और वास्तविक वित्तीय गतिविधियों के बीच बड़ा अंतर उजागर करता है।
विशेष रूप से यह मामला सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है क्योंकि इसमें चंदे और फंडिंग की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।






