लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर कानून-व्यवस्था, मिशन शक्ति अभियान 5.0, आगामी पर्व-त्योहारों की तैयारियों, बाढ़ की स्थिति और विकसित उत्तर प्रदेश @2047 जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक से जुड़े।
मुख्यमंत्री ने बताया कि शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन, 22 सितंबर से मिशन शक्ति-5.0 की शुरुआत होगी, जो एक माह तक चरणबद्ध तरीके से चलेगा। इसके तहत महिला बीट अधिकारी ग्राम पंचायतों में जाकर लोगों को महिला सुरक्षा और सरकारी योजनाओं की जानकारी देंगी। 21 सितंबर को महिला पुलिसकर्मियों द्वारा हर जनपद में बाइक रैली निकाली जाएगी, जबकि 22 सितंबर से एंटी रोमियो स्क्वॉड सक्रिय रहकर शोहदों पर प्रभावी कार्रवाई करेंगे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में पिछले वर्षों की तरह इस बार भी सभी त्योहार शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हों। पितृ विसर्जन, नवरात्र, विजयादशमी, गांधी-शास्त्री जयंती, दीपावली, देव दीपावली और छठ महापर्व सहित सभी आयोजनों में बेहतर टीमवर्क और जनसहयोग सुनिश्चित किया जाए।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सोशल मीडिया पर चौकसी बढ़ाएं। फर्जी अकाउंट से अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में वरिष्ठ अधिकारी मौके पर तुरंत पहुंचें और हालात को संभालें।
त्योहारों में स्वच्छता, पेयजल और मंदिरों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए। निर्बाध विद्युत आपूर्ति, समय से सड़क मरम्मत, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं, दवाओं व एंटी स्नेक वेनम-एंटी रेबीज इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत किट और सूखा खाद्य पदार्थ हर जरूरतमंद तक पहुंचे। जनहानि होने पर पीड़ित परिवार को 24 घंटे के भीतर मुआवजा दिया जाए। जिनके घर ढह गए हैं, उन्हें ऊंचे स्थानों पर आवासीय पट्टे दिए जाएं।
सीएम ने निर्देश दिया कि आईजीआरएस, सम्पूर्ण समाधान दिवस और सीएम हेल्पलाइन पर मिली हर शिकायत का समयबद्ध और संतोषजनक समाधान हो।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश 2047 अभियान के तहत 300 से अधिक विद्वत्जन जनता से संवाद कर रहे हैं। इसी क्रम में हर जिले में 5 से 10 विद्वत्जन चिन्हित कर सुझाव लिए जाएंगे।






