फर्रुखाबाद: Farrukhabad ज़िले में आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। सोता बहादुर, ब्लॉक बढ़पुर क्षेत्र की महिलाओं ने जिला अधिकारी से मिलकर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi worker) बच्चों को न तो पोषाहार दे रही हैं और न ही पढ़ाने आती हैं। यह मामला अब प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
पीड़ित महिलाओं — शबनम, सीमा, गुलशन, नजमा और गुल्फशां — ने जिला अधिकारी से मिलकर एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री रिचा तोमर, पत्नी ज्ञानेन्द्र सिंह, जो कि सोता बहादुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में तैनात हैं, पिछले एक वर्ष से बच्चों को पोषाहार नहीं दे रही हैं। इसके साथ ही वह बच्चों की शिक्षा के लिए भी नियमित रूप से नहीं आतीं।
पीड़ितों के अनुसार, बच्चों का रजिस्ट्रेशन कर लिया गया है, यहां तक कि बीसी (बायोमेट्रिक कन्फर्मेशन) भी हो चुका है, लेकिन उसके बावजूद न तो राशन दिया जा रहा है और न ही बच्चों की शिक्षा पर कोई ध्यान दिया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने इससे पहले भी कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस कारण अब उन्हें मजबूर होकर जिला अधिकारी से मिलकर न्याय की गुहार लगानी पड़ी।
पीड़ित महिलाओं ने जिला प्रशासन से मांग की है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री रिचा तोमर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और बच्चों को जल्द से जल्द पोषाहार व शिक्षा की सुविधा सुनिश्चित की जाए। इस मामले को लेकर अब ज़िला प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह केवल एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि पूरे बाल विकास परियोजना विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करेगा।