फर्रुखाबाद: कुपोषण (malnutrition) की गंभीर समस्या से निपटने के लिए आयोग की ओर से एक बड़ा कदम उठाया गया है, जिसके तहत जनपद फर्रुखाबाद में 14 सुपरवाइजरों (supervisors) की नियुक्ति की गई है। ये सुपरवाइजर जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर कुपोषित बच्चों की पहचान करेंगे और उनके परिजनों को जागरूक करते हुए आवश्यक उपचार की दिशा में मार्गदर्शन देंगे।
शुक्रवार को सुपरवाइजरों की यह टीम लोहिया अस्पताल के एनआरसी (न्यूट्रिशन रिहैबिलिटेशन सेंटर) वार्ड पहुंची, जहां उन्होंने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जरूरी जानकारी प्राप्त की। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बताया गया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण और स्वास्थ्य संबंधी परामर्श देना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी।
सुपरवाइजरों को यह भी निर्देश दिए गए कि यदि कोई बच्चा गंभीर रूप से कुपोषित पाया जाता है, तो वे परिजनों को लोहिया अस्पताल के एनआरसी वार्ड में समय रहते भर्ती करवाने की सलाह दें। इस अवसर पर अस्पताल में कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे।
सीडीपीओ (बाल विकास परियोजना अधिकारी) नवीन चंद्र यादव
डीपीओ (जिला कार्यक्रम अधिकारी) सुनील कुमार श्रीवास्तव
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जगमोहन शर्मा
एनआरसी इंचार्ज डॉक्टर विवेक सक्सेना
अन्य स्वास्थ्य व बाल विकास विभाग के अधिकारीगण
इन अधिकारियों ने सुपरवाइजरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और कहा कि कुपोषण के खिलाफ लड़ाई एक सामूहिक प्रयास है, जिसमें प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय समुदाय की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
फर्रुखाबाद जिले में यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) की रिपोर्ट में कई जिलों में बच्चों में कुपोषण की स्थिति चिंताजनक पाई गई है। सरकार की योजना है कि ग्राम स्तर तक पोषण जागरूकता फैलाई जाए और जरूरतमंद बच्चों को समय रहते इलाज मुहैया कराया जाए।
एनआरसी (Nutrition Rehabilitation Center) वह केंद्र होता है जहां गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को विशेष चिकित्सा, पोषण आहार और निगरानी के माध्यम से स्वस्थ किया जाता है। लोहिया अस्पताल का एनआरसी वार्ड इस दिशा में जिले का प्रमुख केंद्र है।