यूथ इंडिया संवाददाता
कासगंज। चर्चित महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर हत्याकांड में पुलिस ने छह अधिवक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई मोहिनी के पति बृजतेन्द्र सिंह तोमर की तहरीर पर की गई है। इस एफआईआर के बाद वकीलों में गहरा आक्रोश फैल गया है। साथी अधिवक्ताओं ने इस एफआईआर को षड्यंत्र और गुटबाजी का परिणाम बताते हुए गलत बताया है।
बृजतेन्द्र सिंह ने एफआईआर में मुस्तफा कामिल, असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा, सलमान, केशव मिश्रा (सोरों निवासी) और मुनाजिर रफी (कासगंज निवासी) को नामजद किया है। सभी आरोपित अधिवक्ता हैं, जिन पर विभिन्न कारणों से मोहिनी से नाराजगी और धमकियां देने का आरोप लगाया गया है।
शुक्रवार सुबह जैसे ही एफआईआर की खबर फैली, कासगंज के अधिवक्ता एकत्रित होकर विरोध करने लगे। उन्होंने इसे आपसी गुटबाजी का मामला बताया और कहा कि एफआईआर झूठी है, जिसे एक साजिश के तहत दर्ज कराया गया है।
मोहिनी के पति बृजतेन्द्र सिंह ने एफआईआर में कहा है कि उनकी पत्नी ने मुस्तफा कामिल के लडक़ों की जमानत का विरोध किया था, जिससे उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियां दी जा रही थीं। इसके अलावा, मुनाजिर रफी की जमानत का विरोध करने पर भी मोहिनी को धमकाया गया था।
मंगलवार को न्यायालय के मुख्य गेट से मोहिनी तोमर का अपहरण कर लिया गया था। बुधवार को उनका शव गोरहा नहर में नग्न अवस्था में मिला, जिसके सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें थीं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है।