लखनऊ। विजिलेंस के लखनऊ सेक्टर ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की समधन और छोटी बहू अपर्णा यादव की मां अंबी बिष्ट के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के मामले में एफआईआर दर्ज की है। दर्ज मुकदमे में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के तत्कालीन अनुभाग अधिकारी वीरेंद्र सिंह, तत्कालीन उप सचिव देवेंद्र सिंह राठौर, वरिष्ठ कास्ट अकाउंटेंट सुरेश विष्णु महादाणें और अवरवर्ग सहायक शैलेंद्र कुमार गुप्ता को भी नामजद किया गया है। इन सभी पर जानकीपुरम की प्रियदर्शिनी भूखंड योजना में अनियमितता करने का आरोप है। उस समय अंबी बिष्ट एलडीए की संपत्ति अधिकारी थीं।
मामले की पृष्ठभूमि में बताया गया है कि 23 नवंबर, 2016 को शासन ने भूखंडों के आवंटन और पंजीकरण में गड़बड़ी की खुली जांच के आदेश दिए थे। इसके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने करोड़ों रुपये की जमीन अपात्रों को बांटने और पैसा हड़पने के मामले में बहुजन निर्बल वर्ग सहकारी गृह निर्माण समिति लिमिटेड के पूर्व पदाधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने इस प्रकरण में ईओडब्ल्यू जांच पर असंतोष जताते हुए आगे की जांच यूपी विजिलेंस निदेशक समिति को सौंप दी है और 25 सितंबर तक पहली रिपोर्ट तलब की है।
जस्टिस पंकज भाटिया की पीठ ने यह आदेश समिति के वर्तमान पदाधिकारियों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि पूर्व पदाधिकारी प्रवीन सिंह बाफिला और लाखन सिंह बलियानी ने कार्यकाल खत्म होने के बाद भी अपात्रों को जमीन दी और करोड़ों रुपये हड़प लिए। कोर्ट ने कहा कि याचिका में दर्ज तथ्यों से साफ है कि सरकारी तंत्र की ढिलाई, राजनीतिक दबाव या अन्य वजह से जांच सही तरीके से नहीं हो रही है। साथ ही, अब तक हड़पा गया धन वापस लाने का प्रयास भी गंभीरता से नहीं हुआ है।