प्रयागराज: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से बड़ी राहत मिली है। रामपुर के चर्चित क्वालिटी बार कब्ज़ा मामले में हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया।
आजम खान की ओर से वकील इमरान उल्ला और मोहम्मद खालिद ने पैरवी की। अभियोजन पक्ष ने आरोपों को गंभीर बताते हुए जमानत का विरोध किया। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने 21 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब सुनाते हुए जमानत मंजूर कर दी गई। इससे पहले रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने 17 मई 2025 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद आजम खान ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब उन्हें सभी मामलों में जमानत मिल गई है और उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
क्वालिटी बार प्रकरण क्या है?
21 नवंबर 2019 को गगन अरोड़ा नामक बार मालिक ने शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हाईवे पर स्थित सईद नगर हरदोई पट्टी के क्वालिटी बार पर जबरन कब्ज़ा करने की कोशिश की गई। तत्कालीन राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई थी।
पुलिस विवेचना में इस मामले में आजम खान, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा, बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान तथा तत्कालीन नगर पालिका चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी को भी आरोपी बनाया गया था। आजम खान लंबे समय से विभिन्न मामलों में जेल में बंद थे। अब जमानत मिलने के बाद उनके बाहर आने से रामपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में नई हलचल देखी जा सकती है। माना जा रहा है कि उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी से सपा की रणनीति और विपक्षी राजनीति पर सीधा असर पड़ेगा।