फर्रुखाबाद। यूथ इंडिया समाचार पत्र ने जब प्रदेश सरकार के गड्ढा मुक्त सड़क के दावों की पोल खोलते हुए छिबरामऊ फतेहगढ़ मार्ग की बदहाली को उजागर किया था, तब इस मुद्दे ने प्रशासन और विभागीय अफसरों की नींद उड़ा दी। लगातार उपेक्षा और लापरवाही का शिकार यह मार्ग आखिरकार सुर्खियों में आया और खबर का सीधा असर देखने को मिला। संबंधित विभाग हरकत में आया और सड़क पर गड्ढों को भरने व मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है।लंबे समय से जर्जर स्थिति में पड़ी इस सड़क पर चलना आमजन के लिए जानलेवा साबित हो रहा था। आए दिन हादसे हो रहे थे, स्कूली बच्चों से लेकर किसानों, व्यापारियों और कर्मचारियों तक सभी इस मार्ग पर सफर करने से डरते थे। बरसात के दिनों में तो हालात और भी भयावह हो जाते थे, क्योंकि गहरे गड्ढों में पानी भर जाने से वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो जाते थे। लेकिन अब यूथ इंडिया की खबर के बाद प्रशासनिक अमला सक्रिय हुआ है और सड़क पर सुधार कार्य शुरू कर दिया गया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या वर्षों से चली आ रही थी। कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से शिकायतें की गईं, मगर हर बार आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। अब जबकि मीडिया ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, तभी जिम्मेदार हरकत में आए। ग्रामीणों और यात्रियों ने यूथ इंडिया का आभार जताया है कि उसने उनकी आवाज़ बनकर समस्या को सामने रखा और राहत की राह प्रशस्त की।
हालांकि लोगों का यह भी कहना है कि केवल गड्ढा भरने का काम ही काफी नहीं है, सड़क का स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए। यह मार्ग न सिर्फ फर्रुखाबाद बल्कि कन्नौज, मैनपुरी और इटावा जैसे कई जिलों को जोड़ता है। ऐसे में सड़क की हालत का असर सीधे व्यापक जनजीवन और विकास कार्यों पर पड़ता है। यदि समय रहते गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं किया गया तो जल्द ही सड़क फिर से उसी हाल में पहुंच जाएगी।अब जनता की निगाहें प्रशासन और विभागीय जिम्मेदारों पर टिकी हैं कि क्या यह कार्रवाई केवल तात्कालिक दबाव और खबर का असर भर साबित होगी, या फिर वास्तव में सड़क को स्थायी तौर पर गड्ढामुक्त बनाने का ठोस कदम उठाया जाएगा। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या सरकार का गड्ढामुक्त सड़क का दावा कभी हकीकत बनेगा या फिर यह सिर्फ चुनावी मंचों और फाइलों तक ही सीमित रहेगा।