लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग (Transport department) ने मंगलवार को वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए 2017 से 2021 के बीच काटे गए लाखों ई-चालान (e-challans) माफ कर दिए हैं परिवहन विभाग के अनुसार, 2017 से 2021 के बीच कुल 30, 52,090 ई-चालान काटे गए थे। इनमें से 12,93,013 लंबित थे जबकि 17,59, 077 पहले ही निस्तारित हो चुके हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि, रद्द किए गए चालान अब परिवहन पोर्टल पर दो श्रेणियों में दिखाई देंगे। निस्तारित-समाप्त (अदालत में लंबित मामलों के लिए) और “समाप्त-समय सीमा” (कार्यालय स्तर पर लंबित मामलों के लिए जिनकी सीमा अवधि समाप्त हो गई है)।
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने इस पहल को कानूनी रूप से सुदृढ़ और नागरिक-हितैषी बताया। उन्होंने कहा, यह निर्णय कानूनी व्यवस्था के दायरे में है और पारदर्शी प्रशासन का प्रतीक है। हमारा लक्ष्य नागरिकों को सुचारू, सुरक्षित और सम्मानजनक सेवा अनुभव प्रदान करना है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्धारित समय-सीमा के भीतर शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।
इन चालानों से जुड़ी सभी बाधाएँ, जैसे फिटनेस प्रमाणपत्रों का नवीनीकरण, परमिट जारी करना, वाहन स्थानांतरण और उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (एचएसआरपी), स्वतः ही समाप्त हो जाएँगी। हालाँकि, टैक्स से जुड़े चालान इस राहत के दायरे में नहीं आएंगे। विभाग के अनुसार, पूरी प्रक्रिया 30 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद, वाहन मालिक पोर्टल पर अपने चालान की स्थिति देख सकेंगे।
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह केवल एक बंदी है, और कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा, और पुराने चालान दोबारा नहीं खोले जाएँगे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 2021 के बीच 30.52 लाख चालान जारी किए गए, जिनमें से 17.59 लाख का निपटारा हो चुका है, जबकि 12.93 लाख लंबित हैं – 10.84 लाख अदालत में और 1.29 लाख कार्यालय स्तर पर।
नई पहल के तहत, इन लंबित चालानों का निपटारा एक निर्धारित समय सीमा के भीतर डिजिटल रूप से किया जाएगा। आदेश के अनुसार, केवल 31 दिसंबर, 2021 तक अदालत में लंबित चालान ही निरस्त किए जाएँगे।