नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत की ओर से आतंकवाद पर की गई सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) का दर्द Pakistan और आतंकियों (terrorists) के दिल में आज भी जिंदा है। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। अब महीनों बाद जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का एक बड़ा खुलासा सामने आया है।
इंटरनेट पर वायरल एक वीडियो में जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी कबूल करता दिख रहा है कि इस हमले में आतंकवादी संगठन के शीर्ष सरगना मौलाना मसूद अजहर के परिवार के कई लोग मारे गए थे। वीडियो में मसूद इलियास कश्मीरी कहता है— “आतंकवाद को गले लगाते हुए हमने इस मुल्क की सरहदों की हिफाजत की। इसके लिए दिल्ली, काबुल और कंधार तक लड़ाई लड़ी। लेकिन अपना सब कुछ कुर्बान करने के बाद 7 मई को मौलाना मसूद अजहर का पूरा परिवार भारतीय सेना के हाथों बहावलपुर में शहीद हो गया।”
यह बयान न केवल जैश की पराजय को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत ने आतंकी ठिकानों को कितनी गहराई तक जाकर ध्वस्त किया। बहावलपुर क्यों बना भारतीय सेना का निशाना। बहावलपुर, लाहौर से लगभग 400 किलोमीटर दूर है। यहां जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह स्थित है, जिसे उस्मान-ओ-अली परिसर के नाम से भी जाना जाता है। यही परिसर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और गतिविधियों का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है।
यही कारण था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने इस जगह को सबसे पहले निशाना बनाया। मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित वैश्विक आतंकवादी है। 2000 के दशक की शुरुआत से ही उसने जिहाद के नाम पर कश्मीर में आतंक फैलाने का एजेंडा चलाया। पिछले दो दशकों में जैश-ए-मोहम्मद ने भारत में कई बड़े आतंकी हमले किए हैं, जिनमें संसद हमला, पठानकोट हमला और पुलवामा हमला शामिल हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने भी माना था कि अजहर के परिवार के करीब 10 सदस्य मारे गए थे। पाकिस्तान और आतंकियों को गहरा झटका। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफाई देना मुश्किल हो गया था। वहीं, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नेटवर्क बुरी तरह हिल गया। बहावलपुर में अजहर के परिवार की मौत ने संगठन के मनोबल को तोड़ दिया और अब उसके कमांडर खुद दुनिया के सामने इस सच को कबूल कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और आक्रामक नीति पर चल रहा है।


