अमृतपुर (फर्रुखाबाद): गंगा और रामगंगा (Ganga and Ramganga) की बाढ़ का पानी (Flood waters) घटने के बाद भी अमृतपुर तहसील क्षेत्र के ग्रामीणों की मुसीबतें खत्म नहीं हुई हैं। बाढ़ थमने के बावजूद अब भी 51 गांवों में नाव से लोगों का आवागमन जारी है। गंगा का जलस्तर अभी भी चेतावनी बिंदु पर बह रहा है।
तहसील क्षेत्र के करीब 100 गांव पिछले 45 दिनों से बाढ़ की मार झेल रहे थे। पहाड़ों पर बारिश रुकने और नरौरा बांध से पानी छोड़े जाने में कमी के बाद बाढ़ का पानी उतरना शुरू हुआ। लेकिन कई गांवों में अब भी पानी भरा है।
एसडीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों से धीरे-धीरे पानी निकल रहा है और अधिकांश गांवों में हालात सामान्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी लेखपालों को फसल के नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं और सर्वे पूरा होने के बाद किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशासन की ओर से अब तक 79 गांवों में 24 हजार परिवारों को राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।
इस बीच सोमवार को नरौरा बांध से गंगा में 80,447 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे गंगा का जलस्तर 136.60 मीटर पर स्थिर है। वहीं, रामगंगा का जलस्तर भी 136.10 मीटर से घटकर 135.95 मीटर पर दर्ज किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ समाप्त होने के बावजूद गलियों और घरों में कीचड़ व मलबा होने से दिक्कतें बनी हुई हैं। कई सड़कों के कट जाने से लोगों को अब भी पानी से होकर निकलना पड़ रहा है।
गांव मंझा की मड़ैया, कुंडरी सारंगपुर, माखन नगला, कलिका नगला, रामप्रसाद नगला, हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर सहित कई गांवों में जनजीवन अब भी अस्त-व्यस्त है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ हर साल तबाही मचाती है, लेकिन नुकसान की भरपाई पूरी तरह नहीं हो पाती, जिससे परेशानियां और बढ़ जाती हैं।