लखनऊ: बसपा सुप्रीमो Mayawati 9 अक्टूबर को पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर Lucknow में एक बड़ी रैली करने वाली हैं। 2021 के बाद से यह उनकी पहली महत्वपूर्ण सार्वजनिक रैली होगी, जो उत्तर प्रदेश में पार्टी के संगठन और राजनीतिक आधार को पुनर्जीवित करने के उनके प्रयास का संकेत है।
इस आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में एक 10 सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो सभी तैयारियों की देखरेख करेगी। यह रैली लखनऊ के पुरानी जेल रोड स्थित कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित होगी। यह कदम बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए एक महत्वपूर्ण समय पर उठाया गया है, जिसका जनाधार और नेतृत्व हाल के वर्षों में काफी कमज़ोर हुआ है। कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ चुके हैं और चुनावों में इसका प्रदर्शन लगातार कमज़ोर होता जा रहा है।
अगले साल होने वाले जिला पंचायत चुनावों और 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र, इस रैली को मायावती द्वारा कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने और पार्टी की ताकत दिखाने के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दस सदस्यीय समिति में प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल, मेवा लाल गौतम, राम औतार मित्तल, धनश्याम खरवार, मुनकाद अली, नौशाद अली, अखिलेश अंबेडकर, शैलेंद्र गौतम और गिरीश जाटव जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं।
इसके अलावा, लखनऊ ज़िले की पूरी बसपा इकाई को तैयारियों के प्रबंधन में लगा दिया गया है। पार्टी का लक्ष्य राज्य भर से लाखों समर्थकों को इस रैली में लाना है, जिससे पार्टी की शक्ति प्रदर्शन के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में राजनीतिक प्रासंगिकता में वापसी के इरादे का संकेत मिलने की उम्मीद है।