अमृतपुर फर्रुखाबाद: गंगा पार क्षेत्र में अधिकतर लोग खेती किसानी से ही जीवन यापन करते हैं। ऐसी स्थिति में राजस्व मामलों को लेकर आए दिन घटनाएं भी होती रहती हैं। अगर पुलिस और राजस्व विभाग चाहे तो इन घटनाओं पर समय रहते अंकुश लगा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। बीती रात अमृतपुर कस्बे (Amritpur town) के पुराने बस अड्डे के पास एक मजदूर की पक्की दीवाल (wall) उसके ना रहने पर गिरा दी गई। इसी गांव के निवासी दबंग जौहरी पुत्र सुलखे उनका बेटा श्याम मनोहर एवं उसकी पत्नी रजन देवी ने रात में बिना शोर शराबा किये मौके पर पहुंचकर उस दीवार को गिरा दिया और उसके मलबे को दूसरी जगह डाल दिया।
जब इसकी जानकारी दीवाल का नुकसान उठाने वाले रामवीर पुत्र बसंत राम को हुई तो वह दिल्ली से मजदूरी का काम छोड़कर मौके पर पहुंचे और उन्होंने जब उस स्थिति को देखा तो कानून का सहारा लेना उचित समझा। अपनी परेशानी और समस्या की तहरीर लेकर वह थाने पहुंचे और उन्होंने थाना अध्यक्ष को अवगत कराया। तहरीर देने के बाद में पुलिस ने कार्यवाही कर निस्तारण करने का आश्वासन दिया।
लेकिन समाचार लिखे जाने तक वहां थाना पुलिस नहीं पहुंची थी। 112 नंबर पुलिस को फोन करने के बाद 1 घंटे के उपरांत वह मौके पर पहुंची और उसने मौका मुआयना किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को फोन कर अपने प्रपत्रों सहित थाने में बुलाया जहां वह पहुंचा और पुलिस ने उसे जांच के वास्ते वहीं रोक लिया। लेकिन समय के हिसाब से उचित कार्रवाई नहीं हो सकी। इस समस्या के निदान के लिए मौके पर लेखपाल भी पहुंचे थे लेकिन वह भी इसका निस्तारण नहीं कर सके।
पक्की निहास, पक्की दीवाल या पक्का मकान गिराने का अधिकार तो बिना अदालत के आदेश या उच्च अधिकारी के आदेश के बगैर नहीं हो सकता। लेकिन ऐसा हुआ। क्योंकि वह व्यक्ति दबंगई के आगे कानून को नहीं मानता। इस समस्या में पीड़ित व्यक्ति का लगभग 10 हजार रुपये का नुकसान हो गया। समय रहते अगर इस समस्या का निदान नहीं किया गया तो कभी भी झगड़ा फसाद हो सकता है और इसके लिए राजस्व एवं पुलिस विभाग जिम्मेदार होगा।