सीएचसी में अव्यवस्था: प्रसूताओं को भोजन के नाम पर चाय-ब्रेड, पंखे तक नहीं चले

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फर्रुखाबाद| राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रविवार को चार प्रसूताओं ने पांच बच्चों को जन्म दिया, लेकिन अस्पताल की लापरवाही और अव्यवस्था ने जच्चा-बच्चा दोनों को परेशानी में डाल दिया। प्रसूताओं और उनके परिजनों ने बताया कि प्रसव के बाद उन्हें पूरा भोजन नहीं दिया गया, खानपान के नाम पर केवल चाय और ब्रेड उपलब्ध कराई गई। इससे मरीजों के परिजनों में नाराजगी फैल गई। रविवार को अवकाश होने के कारण स्वास्थ्य केंद्र तो बंद रहा, लेकिन आकस्मिक चिकित्सा सेवा जारी थी। इसी दौरान रीना पत्नी राजू निवासी मुजहा, राधा पत्नी पंकज निवासी महुलिया, मनोरमा पत्नी मनोज निवासी मझिया ने एक-एक बच्चे को जन्म दिया जबकि शिवानी पत्नी मोहन निवासी अमृतपुर ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। सभी जच्चा-बच्चा स्वस्थ बताए जा रहे हैं, लेकिन अस्पताल की सुविधाओं का हाल बेहाल रहा। तीन प्रसूताओं को जिस वार्ड में भर्ती किया गया वहां पंखे चल रहे थे, जबकि मनोरमा पत्नी मनोज को जिस 20 सैया वाले नए बने वार्ड में रखा गया वहां पंखे तक नहीं चल रहे थे। तेज गर्मी और उमस के बीच प्रसूता और नवजात बच्चे बेहाल रहे, जिसको लेकर परिजन लगातार शिकायत करते रहे। परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद प्रसूताओं को उचित भोजन और आरामदायक वातावरण मिलना चाहिए, लेकिन यहां न तो पोषण युक्त खाना उपलब्ध कराया गया और न ही पंखे जैसी बुनियादी सुविधा ही मिल सकी। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि अगर ऐसे हालात में किसी प्रसूता या नवजात की तबीयत बिगड़ जाती तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होती। स्वास्थ्य केंद्र की यह तस्वीर विभाग की लापरवाही और उदासीनता को उजागर करती है और यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती है।

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