लखनऊ: राजधानी Lucknow में आज राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश सीबीआई रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के वादों का तेजी से और किफायती समाधान किया जा रहा है। इसमें यातायात चालान, पारिवारिक विवादों के साथ अन्य कई प्रकार के वाद शामिल हैं।
तेजी से निपटते हैं मामले
न्यायाधीश द्विवेदी ने कहा कि लोक अदालत में मामलों का निपटारा जल्दी और कम खर्च में होता है। इससे आम लोगों का समय और पैसा दोनों बचता है। साथ ही न्यायिक प्रक्रिया भी सरल और सुगम हो जाती है। लोक अदालत की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां मामलों का निपटारा आपसी समझौते से किया जाता है। इससे दोनों पक्षों को एक मंच पर आकर विवाद खत्म करने का अवसर मिलता है और लंबी अदालती कार्यवाही से बचा जा सकता है।
न्यायालयों का बोझ कम
लोक अदालत के जरिए न केवल वादकारियों को राहत मिलती है बल्कि इससे अदालतों में लंबित मामलों की संख्या भी घटती है। इससे न्यायालयों पर पड़े अनावश्यक बोझ में कमी आती है और अन्य गंभीर मामलों के निपटारे में तेजी लाई जा सकती है। विशेष न्यायाधीश सीबीआई रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने बताया “लोक अदालत न्याय पाने का सरल, सस्ता और त्वरित माध्यम है। इसमें लोगों का समय और पैसा बचता है और दोनों पक्षों को आपसी सहमति से विवाद सुलझाने का अवसर मिलता है।”
लखनऊ में आयोजित इस राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वैकल्पिक विवाद निपटान तंत्र (Alternative Dispute Resolution) लोगों के लिए राहत का बड़ा साधन है। इससे जहां जनता को न्याय सुलभ होता है वहीं न्यायपालिका पर भार भी कम होता है