लखनऊ: समाज और सत्ता पर बेबाक सवाल उठाने वाले एक्टिविस्ट Amitabh Thakur और Nutan Thakur ने थाना ताल कटोरा में अपने ऊपर दर्ज एफआईआर के मामले में विवेचक से मुलाकात की। दोनों ने मामले की असत्यता को उजागर करते हुए विवेचना में हर स्तर पर सहयोग का भरोसा दिलाया और स्पष्ट किया कि वे न्यायिक प्रक्रिया में पूर्ण रूप से सहभागी रहेंगे।
एफआईआर की गुत्थी: 62 पृष्ठ और 18 संलग्नक
अमिताभ और नूतन ने बताया कि एफआईआर में 62 पृष्ठों और 18 संलग्नक का उल्लेख है, लेकिन ये दस्तावेज़ उनके पास उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए उन्होंने विवेचक से अनुरोध किया कि ये अभिलेख उन्हें प्रदान किए जाएँ, ताकि वे आरोपों को पूरी तरह समझकर सटीक तथ्यों के साथ जवाब प्रस्तुत कर सकें।
जवाबदेही और सहयोग का भरोसा
दोनों एक्टिविस्ट्स ने पत्र में लिखा कि जैसे ही उन्हें ये दस्तावेज़ मिलेंगे, वे सीधे विवेचक के सामने उपस्थित होकर अपने पक्ष को स्पष्ट करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे किसी भी दबाव में नहीं झुकेंगे और न्याय प्रक्रिया में पूरी तरह सहयोग करेंगे। यह कदम यह दर्शाता है कि अमिताभ और नूतन ठाकुर अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का पारदर्शी और साहसिक तरीके से सामना करना चाहते हैं। साथ ही, यह समाज को यह संदेश भी देता है कि नागरिक और एक्टिविस्ट अपने अधिकारों के प्रति सजग रहते हुए न्याय प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभा सकते हैं।