लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सहकारिता क्षेत्र (cooperative sector) को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री मुरलीधर मोहोल ने लखनऊ में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में सहकारिता मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं और विभिन्न पहलों की प्रगति की व्यापक समीक्षा करना था।
बैठक में हुई प्रमुख चर्चाएँ
बैठक में निम्नलिखित पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई:
पीएसीएस और आरसीएस कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण: सहकारी समितियों के डिजिटलीकरण और संचालन में पारदर्शिता लाने के प्रयास। दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना: अनाज भंडारण क्षमता बढ़ाने और किसान हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से योजना का कार्यान्वयन। दो लाख बहुउद्देश्यीय पीएसीएस की स्थापना: ग्रामीण स्तर पर सहकारी संस्थाओं का विस्तार।
डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का गठन: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और किसान समुदाय के आय स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए। राज्य स्तरीय सहकारी नीति का निर्माण: सहकारी क्षेत्र में नीतिगत सुधार और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए। ‘त्रिभुवन’ सहकारी विश्वविद्यालय और सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में सुधार: सहकारी संस्थाओं के दक्षता और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देना। बैठक में सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भुटानी, संयुक्त सचिव श्री सिद्धार्थ जैन, निदेशक डॉ. मुकेश कुमार, साथ ही राज्य के कृषि,
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने सहकारिता क्षेत्र में वर्तमान परियोजनाओं और नव स्थापित पहलों की प्रगति की समीक्षा की और आगामी योजनाओं पर मार्गदर्शन किया। इस बैठक का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाना, सहकारिता संस्थानों को मजबूत करना और समाज के विभिन्न वर्गों तक लाभ पहुँचाना बताया गया। यह पहल उत्तर प्रदेश में “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।