वाहन धोखाधड़ी गिरोह का सरगना बेनकाब
लखनऊ हजरतगंज पुलिस ने वाहन धोखाधड़ी के मामलों में लंबे समय से फरार चल रहे 25 हज़ार रुपये के इनामी आरोपी जमीर अहमद को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि जमीर अहमद एक संगठित गिरोह का सरगना है, जो फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे लोगों को ठगकर चारपहिया वाहन बेचने का काम करता था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने शिल्पी सोनकर नाम की महिला से चार वाहन हासिल किए थे। इनमें से तीन वाहनों को किराए पर लेकर बेच दिया और चौथे वाहन की नंबर प्लेट बदलकर खुद चला रहा था। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और परिवहन विभाग के पहचान पत्र जैसे कूटरचित दस्तावेज़ तैयार कर धोखाधड़ी का नेटवर्क खड़ा किया था।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से 3 चारपहिया वाहन, 2 फर्जी पैनकार्ड, 2 फर्जी आधार कार्ड, 1 फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस और उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग का जाली पहचान पत्र बरामद किया है।
यह कार्रवाई एएसआई अमित कुमार के नेतृत्व में की गई। टीम ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाकर आरोपी को मौके पर दबोच लिया। पूरी कार्रवाई को पुलिस ने मोबाइल कैमरे से रिकॉर्ड भी किया है।
पकड़े जाने के बाद जमीर अहमद ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि वह लंबे समय से फर्जी पहचान पत्र बनवाकर वाहनों की खरीद-फरोख्त कर लोगों को चूना लगा रहा था। उसके गिरोह का नेटवर्क राजधानी और आसपास के जिलों तक फैला हुआ है।
फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसके बाकी साथियों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। बरामद वाहनों को भी जब्त कर लिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरोह के तार किस स्तर तक फैले हुए हैं, इसकी गहन जांच की जा रही है।