देशभर से जुटेंगे विद्वान, सूर्य पूजन से होगा शुभारंभ
फर्रुखाबाद। श्री मानस विचार समिति के तत्वावधान में 37वां मानस सम्मेलन 14 सितंबर से आरंभ होगा। इसके सफल आयोजन को लेकर महावीर गंज स्थित ब्राह्मण धर्मशाला में तैयारी बैठक हुई।
सम्मेलन के संयोजक एवं मानस मर्मज्ञ डॉ. रामबाबू पाठक ने बताया कि तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पितृपक्ष में सूर्य पूजन का विशेष महत्व है। इसी कारण सम्मेलन का शुभारंभ और समापन दोनों सूर्य पूजन से ही होंगे। डॉ. पाठक ने कहा कि पितरों के तर्पण में रामकथा का विशेष महत्व है, इसलिए आयोजन को पितृपक्ष में रखा गया है।
उन्होंने कहा, “विगत 37 वर्षों से हम रामकथा के माध्यम से पितरों के तर्पण की कामना करते हैं। मानस आचरण का ग्रंथ है, और इसके पात्रों से समाज को आदर्श आचरण अपनाने की प्रेरणा मिलती है।”
सम्मेलन में प्रमुख विद्वानों में ईश्वर दास ब्रह्मचारी, अरुण गोस्वामी (झांसी), कविता कांत बाजपेई (उन्नाव), आस्था शर्मा (झांसी), तबला वादक नंदकिशोर पाठक, पीलाराम शर्मा (छत्तीसगढ़), संध्या दीक्षित (दतिया), देवी सहाय तिवारी (कानपुर) और इंदु रामायणी (सागर, मध्य प्रदेश) शामिल होंगे।
कस्पर्श निवारण और नारी उत्थान सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य
डॉ. पाठक ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य समाज से कस्पर्श (छुआछूत) का निवारण और नारी उत्थान है।
कार्यक्रम के व्यवस्थापक सुजीत पाठक बंटू ने बताया कि सभी कथा सत्र पांडा बाग सभागार में प्रतिदिन शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक होंगे। 14 सितंबर को प्रातःकाल सूर्य पूजन के साथ सम्मेलन का शुभारंभ किया जाएगा।
तैयारी बैठक में सुजीत पाठक बंटू, सदानंद शुक्ला, सर्वेश अवस्थी, ज्योत स्वरूप अग्निहोत्री, आलोक गौड़ सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।