गाजीपुर: यूपी के ग़ाज़ीपुर जिले में नंदगंज ब्लॉक के गठिया गाँव में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज (lathicharge) में 55 वर्षीय भाजपा कार्यकर्ता (BJP worker) सीताराम उपाध्याय की मौत और नेताओं की पिटाई के बाद तनाव बढ़ गया है। इस घटना से व्यापक आक्रोश फैल गया, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक (SP) डॉ. इराज राजा के निर्देशन में प्रशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
मृतक के परिवार की माँग और जन आक्रोश को देखते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ. इराज राजा ने मामले की मजिस्ट्रियल जाँच की घोषणा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और जाँच में पारदर्शिता और जवाबदेही पर ज़ोर दिया। इसके बाद एसपी डॉ. इराज राजा ने संबंधित थाने के कुल 11 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है।
एसपी डॉ. इराज राजा ने संबंधित थाने के थाना प्रभारी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, जिसमे इंस्पेक्टर वेंकटेश तिवारी, दारोगा अवधेश राय, सिपाही राकेश गौतम, अभिषेक पांडे, धीरज सिंह और नागेंद्र यादव को निलंबित किया गया, जबकि पाँच अन्य पुलिसकर्मियों को आगे की जाँच तक फील्ड ड्यूटी से हटाकर लाइन हाजिर कर दिया गया है।
खबरों के मुताबिक, यह अशांति बुधवार रात को तब शुरू हुई जब ग्रामीणों ने एक विवादित खेत में बिजली के खंभे लगाने का विरोध किया। कथित तौर पर बिजली काट दिए जाने के बाद स्थिति हिंसा में बदल गई। पुलिस ने लाइट बंद कर प्रदर्शनकारियों पर बर्बरता से लाठियां भांजी थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए और उपाध्याय नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई, जो विकलांग थे और भागने में असमर्थ थे।
पुलिस अधीक्षक डॉ. इराज राजा व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नज़र रख रहे हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आगे किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए गाँव में भारी पुलिस बल और वरिष्ठ अधिकारी तैनात हैं। मृतक के परिवार ने पुलिस पर गंभीर बर्बरता का आरोप लगाया है और न्याय की मांग कर रहे हैं। एसपी राजा द्वारा आदेशित मजिस्ट्रेटी जाँच का उद्देश्य घटनाओं के सटीक क्रम का पता लगाना और अत्यधिक बल प्रयोग के लिए ज़िम्मेदार लोगों की पहचान करना है।