नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष Sonia Gandhi को नागरिकता विवाद मामले में बड़ी राहत मिली है। court ने वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 1981-82 में भारतीय नागरिकता हासिल किए बिना ही उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज कर दिया गया था।
याचिकाकर्ता और अधिवक्ता विकास त्रिपाठी ने अदालत में दावा किया था कि 1980-81 में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की वोटर लिस्ट में सोनिया गांधी का नाम शामिल कर लिया गया था। जबकि, उनके मुताबिक, सोनिया गांधी ने 30 अप्रैल 1983 को ही नागरिकता अधिनियम की धारा 5 के तहत औपचारिक रूप से भारतीय नागरिकता प्राप्त की थी।
याचिका में कहा गया था कि नागरिकता प्राप्त करने से पहले नाम वोटर लिस्ट में शामिल होना कानून का उल्लंघन है। हालांकि, अदालत ने सभी तथ्यों और तर्कों को सुनने के बाद याचिका को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया।
इस फैसले के बाद कांग्रेस खेमे में इसे बड़ी कानूनी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, भाजपा और अन्य विपक्षी दल अतीत में इस मुद्दे को बार-बार उठाते रहे हैं। अदालत का यह निर्णय अब उस विवाद पर पूर्णविराम लगाने जैसा माना जा रहा है