नई दिल्ली।
रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती को लेकर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से देख रही है और भारतीयों को आगाह किया गया है कि वे किसी भी कीमत पर इस तरह की गतिविधियों से दूर रहें।प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि सरकार को हाल ही में ऐसी कई रिपोर्टें मिली हैं, जिनमें कहा गया है कि भारतीय नागरिकों को रूस की सेना में भर्ती किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल के दौरान सरकार ने अलग-अलग मौकों पर इस तरह की भर्ती प्रक्रिया के खतरों और संभावित जोखिमों को चिन्हित किया है। इसके आधार पर भारतीयों को समय-समय पर चेतावनी भी दी गई है।जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार ने इस मुद्दे को सीधे तौर पर दिल्ली और मॉस्को दोनों जगहों पर रूसी अधिकारियों के समक्ष रखा है। भारत ने साफ तौर पर अनुरोध किया है कि इस भर्ती प्रथा को तुरंत समाप्त किया जाए और जो भी भारतीय नागरिक इस प्रक्रिया में शामिल किए गए हैं, उन्हें सुरक्षित रूप से वापस भेजा जाए।विदेश मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि सरकार प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिजनों के लगातार संपर्क में है, ताकि उन्हें जरूरी सहयोग और भरोसा दिलाया जा सके। साथ ही, मंत्रालय ने सभी भारतीयों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी प्रकार की गलतफहमी या लालच में आकर अपने जीवन को खतरे में न डालें।
रणधीर जायसवाल ने कहा हम भारतीय नागरिकों से विनम्र अनुरोध करते हैं कि वे रूसी सेना में भर्ती होने के किसी भी प्रस्ताव को तुरंत ठुकरा दें। ऐसा करना अपने जीवन को जोखिम में डालने और खतरे से खेलने के समान है।”