बाढ़ का कहर: गंगा खतरे के निशान से ऊपर, गांवों में हाहाकार

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फर्रुखाबाद। गंगा और रामगंगा नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से हालात विकराल होते जा रहे हैं। बाढ़ का प्रकोप एक माह से जारी है, जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा स्थिति के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 137.10 सेमी से 15 सेमी ऊपर 137.25 सेमी तक पहुंच गया है। जलस्तर बढ़ने के कारण राजेपुर बाजार में दोबारा पानी भर गया है, जिससे आमजन का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
रामगंगा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ते हुए 136.70 सेमी तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से महज 40 सेमी नीचे है। इससे हीरा नगर, वजीरपुर, खरगपुर और राई सहित एक दर्जन से अधिक गांवों में चिंता का माहौल है। अलादपुर भटौली क्षेत्र में नदी तेज कटान कर रही है, वहीं कोला सोता में कटान रोकने के लिए बोरियों का प्रयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर और बढ़ा तो सैकड़ों बीघा फसलें पानी में समा जाएंगी।अमृतपुर तहसील क्षेत्र इस बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित है। इसके अलावा कायमगंज तहसील के कई गांव जलभराव से जूझ रहे हैं, वहीं सदर तहसील क्षेत्र में भी गंगा का कटान जारी है। हालांकि पंखियन की मड़ैया में कटान पर फिलहाल रोक लगी है।बाढ़ प्रभावित गांवों के लोग शरणालयों या रिश्तेदारों के यहां ठिकाना तलाश रहे हैं। राजेपुर क्षेत्र में तो हालात इतने गंभीर हो गए कि एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान ट्रैक्टर से सीएचसी ले जाना पड़ा। शमशाबाद शाहजहांपुर मार्ग पर बाढ़ का पानी फिर से बहने लगा है। इसी तरह क्षेत्र के दर्जनभर गांवों में आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है और लोग नावों के सहारे आने-जाने को मजबूर हैं। कायमगंज तहसील के कंपिल थाना क्षेत्र के अंतर्गत कम्पिल-इकलहरा मार्ग भी तीन जगह से कट चुका है। लोगों ने जुगाड़ का पुल बनाकर आवागमन चालू किया था, लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने से वह भी बह गया। अब एक बार फिर से गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।ग्रामीण प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं और आशंका जता रहे हैं कि यदि पानी का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में बाढ़ की स्थिति और भयावह हो जाएगी।

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