झूठे केस में 3 साल 19 दिन जेल, माता-पिता को खोया, जमीन बिकी, करियर उजड़ा – कोर्ट ने किया बाइज्ज़त बरी

0
35

झांसी। यह कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट जैसी नहीं, बल्कि सच्चाई है। झांसी के आकाश, जो कभी आईटीआई के छात्र थे, जिंदगी के सबसे हसीन साल जेल की अंधेरी कोठरी में गुजारने को मजबूर हुए। बिना किसी गुनाह के 3 साल 19 दिन जेल में रहने के बाद, आखिरकार अदालत ने उन्हें बाइज्ज़त बरी कर दिया। लेकिन इस दौरान उनकी पूरी जिंदगी बदल चुकी थी।
जेल में रहा बेटा, दुनिया से चले गए माता-पिता

आकाश बताते हैं –
“मैं जेल में तीन साल रहा। सुनवाई करते-करते पापा-मम्मी की मौत हो गई। हमारी तीन बीघा जमीन बिक गई। पढ़ाई भी छूट गई। अब मेरा कोई करियर नहीं। जिंदगी बर्बाद हो गई है। कोर्ट कह भी दे कि मैं हत्यारा नहीं, लेकिन लोग उसी निगाह से मुझे देख रहे हैं।”
उनकी आंखों से छलकते आंसू बयां करते हैं कि अदालत का फैसला भले ही इंसाफ दिला गया हो, मगर जिंदगी से जो छीना गया, वो कभी लौटकर नहीं आएगा।
मामला 7 साल पहले बड़ागांव के हाजीपुरा गांव का है। 16 वर्षीय छात्रा की मौत के बाद लड़की के पिता ने FIR दर्ज कराई थी कि उसकी बेटी को आत्महत्या के लिए उकसाया गया। इस आरोप में आकाश और उनके ममेरे भाई अंकित को जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने 7 साल लंबे ट्रायल में जो सबूत पेश किए, वे दोनों छात्रों के ही पक्ष में थे।
नतीजा, कोर्ट ने साफ कहा कि लड़की के पिता ने बनावटी कहानी बनाकर आकाश और अंकित को फंसाया।
विशेष न्यायाधीश मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी ने फैसले में कहा कि छात्रा ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि उसका मर्डर हुआ था और इसमें उसके पिता और परिवार के सदस्य शामिल थे।
कोर्ट ने आदेश दिया कि लड़की के पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
साथ ही, परिवार को सरकार से जो मुआवजा मिला था, उसे भी वापस वसूला जाएगा।
फैसला सुनाते ही कोर्टरूम में मौजूद आकाश और अंकित की आंखें भर आईं। दोनों छात्र फूट-फूटकर रो पड़े। उनकी रुलाई केवल बेगुनाही की खुशी नहीं थी, बल्कि उस दर्द की गवाही भी थी जो गुजरे सात सालों में जिंदगी ने उनसे छीन लिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here