बलिया। उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा मामला सामने आया है। बलिया के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) शैलेश कुमार पांडे की अदालत ने परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह सहित 15 आरोपियों पर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। अदालत ने पुलिस को सख्त निर्देश दिया है कि निर्धारित तिथि तक वारंट तामील कराया जाए।
मामला वर्ष 2015 का है, जब बलिया में धारा 144 लागू होने के बावजूद दयाशंकर सिंह ने कथित रूप से इसका उल्लंघन किया था। उस दौरान उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
अदालत ने इस मामले में कई बार नोटिस जारी कर मंत्री और अन्य आरोपियों को पेश होने के लिए कहा, लेकिन बार-बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद दयाशंकर सिंह अदालत में पेश नहीं हुए। इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए अदालत ने अब गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है।
इस मामले में मंत्री के अलावा कुल 15 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। सभी पर धारा 144 का उल्लंघन करने और कानून-व्यवस्था भंग करने का आरोप है।
सीजीएम कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस प्रशासन पर अब दबाव बढ़ गया है कि वह जल्द से जल्द गिरफ्तारी वारंट को तामिल कराए और अदालत में रिपोर्ट पेश करे।
मंत्री के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद जिले की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि कानून सभी के लिए बराबर है और अगर मंत्री भी कानून तोड़ते हैं तो उन्हें भी सजा मिलनी चाहिए।
अब देखना होगा कि वारंट की तामील के बाद मंत्री अदालत में पेश होते हैं या नहीं। यह मामला आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में गर्मागरम बहस का मुद्दा बन सकता है।





