लखनऊ: शहरी क्षेत्रों में आवारा कुत्तों (stray dogs) के काटने और मानव-पशु संघर्ष की लगातार बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए यूपी के शहरी विकास विभाग ने आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए कड़े उपायों के साथ एक निर्देश जारी किया है। यह निर्देश पिछले दिशानिर्देशों पर आधारित है और नगर निगमों और नगर पालिकाओं को लक्षित करता है। आवारा कुत्तों के प्रबंधन और उन्हें सुरक्षित भोजन (फीडिंग) (feeding zones) देने की व्यवस्था के संबंध में नये दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
यह पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2023 (एबीसी नियम, 2023) के तहत मानवीय व्यवहार को प्राथमिकता देता है, साथ ही जन सुरक्षा, विशेष रूप से बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा पर ज़ोर देता है। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने व्यापक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “कुत्तों का काटना एक गंभीर जन स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है।
सभी वार्ड या इलाके में आवारा कुत्तों की आबादी के आधार पर भोजन (फीडिंग) क्षेत्र या इलाके निर्धारित किए जाने चाहिए। स्थानीय निकायों को आवारा कुत्तों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त भोजन स्थल सुनिश्चित करने होंगे ताकि वे भोजन की तलाश में इन क्षेत्रों से बाहर न भटकें। ये क्षेत्र बच्चों के खेल के मैदानों, प्रवेश/निकास द्वारों, या बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की अधिक आवाजाही वाले स्थानों से दूर होने चाहिए ताकि दुर्घटना के जोखिम को कम किया जा सके। भोजन का समय इन क्षेत्रों के आसपास बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की कम गतिविधि वाले समय में निर्धारित किया जाना चाहिए, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और कम हो जाएगी।
फीडरों को केवल निर्धारित क्षेत्रों में ही आवारा कुत्तों को भोजन और पानी उपलब्ध कराना होगा और उचित स्वच्छता और बचे हुए भोजन के निपटान सहित स्वच्छता बनाए रखनी होगी। उन्हें रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए), अपार्टमेंट सोसाइटियों या मालिक संघों द्वारा निर्धारित सभी नियमों का पालन करना होगा। पशुप्रेमियों को कुत्तों की नसबंदी और रैबीज टीकाकरण कार्यक्रम में सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स-2023 की व्यवस्थाओं के तहत मानवीय तरीके से कुत्तों का प्रबंधन किया जाएगा।


