हाईवे पर उमड़ा सैलाब, अस्पताल तक पहुंचा पानी… शाहजहांपुर में हाहाकार
शाहजहांपुर: Shahjahanpur में गर्रा और खन्नौत नदियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार सुबह हालात इतने बिगड़ गए कि लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाढ़ का पानी बहने (Flood havoc) लगा। यह नजारा लोगों के लिए किसी डरावने सपने से कम नहीं है।
तेज़ी से बढ़ते जलस्तर ने शहर और गांव दोनों की नब्ज थाम दी है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि शनिवार को पानी में एक फुट और बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में बाढ़ का संकट और भयावह हो जाएगा।निचले इलाकों का हाल बेहाल है। शुक्रवार को ही पानी घरों में घुस गया था और लोग छतों पर शरण लेने को मजबूर हो गए। कई परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
राजकीय मेडिकल कॉलेज तक बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। नहर के ओवरफ्लो होने से हालात और नाजुक हो गए हैं। ओपीडी परिसर में पानी भरने लगा है और शाम तक पूरा भूतल डूबने की आशंका जताई जा रही है।मरीजों की सुरक्षा के लिए अस्पताल प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। करीब 100 मरीजों को दूसरी मंजिल पर शिफ्ट किया गया है और कई मरीजों को छुट्टी देकर घर भेजना पड़ा है। डायलिसिस यूनिट और महंगी मशीनों को पहले ही ऊपर की मंजिल पर पहुंचा दिया गया है।
दिल्ली-लखनऊ हाईवे भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। बरेली मोड़ से आगे सड़क पर पानी भर गया है। फिलहाल गाड़ियों को धीरे-धीरे निकाला जा रहा है, लेकिन जलस्तर बढ़ने पर यह मार्ग कभी भी बंद हो सकता है।सिर्फ शहर ही नहीं, गांव भी त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। जलालाबाद से लेकर मिर्जापुर और अल्हागंज तक करीब चार दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं। खेत-खलिहान, सड़कें और बाजार सब जलमग्न हो चुके हैं।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार नदियों में लगातार पानी छोड़े जाने से हालात बेकाबू हो गए हैं। कठिना और खखरा नदियों से गर्रा में लाखों क्यूसेक पानी आ रहा है। यही वजह है कि दोनों नदियों का जलस्तर लगातार ऊपर जा रहा है।गंगा और रामगंगा का उफान भी हालात बिगाड़ रहा है। कलान के भैंसार बांध पर गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है जबकि अल्हागंज में रामगंगा खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। दुकानों और सड़कों पर पानी भर जाने से आमजन का जीवन ठप हो गया है। शहर में आने-जाने के सारे रास्ते डूब चुके हैं। बाढ़ का पानी घरों में घुसने से लोग जरूरी सामान तक छोड़कर भागने को मजबूर हो रहे हैं।
डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने हालात की गंभीरता को देखते हुए कहा है कि गर्रा और खन्नौत नदियां खतरे के निशान से 15 से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। लोगों को निचले इलाकों से हटाया जा रहा है और राहत-बचाव का काम तेज किया गया है। प्रशासन का दावा है कि अगले 24 घंटे में पानी की स्थिति में सुधार आने लगेगा, लेकिन तब तक शाहजहांपुर में जिंदगी पूरी तरह से डगमगा चुकी है। लोग भय और बेबसी के बीच राहत टीमों की नावों का इंतजार कर रहे हैं।