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Saturday, September 6, 2025

न्यामतपुर भुक्सी में दिखी गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल, ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस में हिन्दू-मुस्लिम का दिखा भाईचारा

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हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे ने रचा इतिहास, ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस में दोनों समुदायों की रही शानदार सहभागिता

शमशाबाद, फर्रुखाबाद: विकास खंड शमशाबाद की ग्राम पंचायत न्यामतपुर भुक्सी इस शुक्रवार को एक अनूठी मिसाल का गवाह बनी, जहाँ हिन्दू और मुस्लिम (Hindus and Muslims) समुदाय के लोगों ने मिलकर ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid-e-Milad-un-Nabi) के पावन अवसर पर निकाले गए जुलूस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूरे गांव में भाईचारे और सौहार्द का संदेश गूंजता रहा।

ग्राम की नूरी मस्जिद से शुरू हुआ जुलूस गांव की गलियों से होता हुआ फिर से नूरी मस्जिद पर ही संपन्न हुआ। इस दौरान दोनों समुदायों के लोगों ने न केवल सहभागिता दिखाई, बल्कि एक-दूसरे का गले मिलकर स्वागत किया और मिठाइयाँ बांटीं। जुलूस के दौरान लोगों ने माल्यार्पण कर प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। स्थानीय लोगों ने अपने घरों के सामने लंगर लगाकर लोगों को भोजन कराया, जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने प्रेमपूर्वक भाग लिया।

मौलाना गुलफराज़ रज़ा ने इस अवसर पर कहा:

 

“पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब का जन्म मक्का नगरी में हुआ था। उनका आगमन दुनिया से अंधकार, अन्याय और सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए हुआ था।”

उन्होंने बताया कि पैगंबर साहब का जन्म 570 ईस्वी में, रबी-उल-अव्वल माह की 12 तारीख को हुआ था, जिसे आज मिलादुन्नबी के रूप में मनाया जाता है।

हाफिज इमामुद्दीन ने कहा:

 

“इस दिन लोग ज्यादा से ज्यादा समय इबादत में गुजारते हैं, जुलूस निकालते हैं, और एक-दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद देते हैं।”

इस जश्न में जिला पंचायत प्रत्याशी सुरजीत गंगवार, प्रधान पद के उम्मीदवार सलमान अहमद, पूर्व ब्लॉक प्रमुख पुत्र बिलाल सिद्दीकी, जुनैद सिद्दीकी, हसमुद्दीन, मेराज, जमालुद्दीन, बहारुद्दीन सिद्दीकी, राविद अली, जगदीश, राकेश कुमार, राम भजन समेत दो सैकड़ा से अधिक लोग उपस्थित रहे।

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