22 लाख से ज्यादा डुप्लीकेट मतदाता पकड़े गए,फर्रुखाबाद में भी 3.60 लाख फर्जी वोटर
कानपुर। लोकतंत्र की नींव को हिला देने वाला सबसे बड़ा वोटर घोटाला सामने आया है। कानपुर और आसपास के छह जिलों में 22 लाख से ज्यादा डुप्लीकेट वोटर पकड़े गए हैं। ये वे लोग हैं जिनके नाम अलग-अलग जगहों पर दर्ज हैं और सालों से चुनावी खेल में बाजी मार रहे थे।
AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक से हुई जांच में यह काला सच सामने आया। सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि अकेले हरदोई जिले में 13 लाख डुप्लीकेट मतदाता मिले। वहीं फर्रुखाबाद में 3.60 लाख, उन्नाव में 4.21 लाख, हमीरपुर में 88,194, कन्नौज में 28,000 और चित्रकूट में 11,000 डुप्लीकेट वोटरों का खुलासा हुआ है।
जांच में पाया गया कि हजारों लोग शहर में रहते हुए नगर निकाय के वोटर बने बैठे हैं, लेकिन उनका नाम गांव की वोटर लिस्ट में भी कायम है। यही नहीं, कुछ लोग तो इन दोहरी पहचान का फायदा उठाकर गांव का प्रधान चुनाव तक लड़ जाते हैं और पूरी पंचायत की बागडोर अपने हाथ में ले लेते हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने पूरे मामले को गंभीर मानते हुए जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं। बीएलओ को घर-घर जाकर फर्जी वोटरों की पहचान कर 29 सितंबर तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है।
हर वोटर का आधार कार्ड और विवरण मिलाकर जांच होगी। जिसके नाम पर डुप्लीकेट वोट पाया जाएगा, उसे तुरंत सूची से हटा दिया जाएग।
इतने बड़े पैमाने पर फर्जी वोटरों का खुलासा होने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। सवाल उठ रहा है कि आखिर इतने सालों तक यह खेल चलता कैसे रहा और किसकी मिलीभगत से लोकतंत्र के साथ इतनी बड़ी हेराफेरी की गई?
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जांच पूरी होने के बाद कितने बड़े नेताओं और चुनावी समीकरणों पर सीधा असर पड़ेगा।