– 422 पद खाली, सिर्फ 328 तहसीलदार तैनात।
– 1 करोड़ 17 लाख से अधिक राजस्व वाद लंबित।
– कमिश्नरों और डीएम को भेजे गए निर्देश।
अनुराग तिवारी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राजस्व विवादों के निस्तारण की रफ्तार बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। प्रदेश सरकार ने अब नायब तहसीलदारों (Naib Tehsildars) को तहसीलदार (Tehsildar) का प्रभार सौंपने का निर्णय लिया है। इसके तहत नायब तहसीलदार तहसीलदार के दायित्वों का निर्वहन करेंगे और लंबित राजस्व वादों का निस्तारण करेंगे।
प्रदेश में फिलहाल 766 तहसीलदारों के स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 422 पद खाली पड़े हैं। मौजूदा समय में केवल 328 तहसीलदार ही कार्यरत हैं, जबकि 16 तहसीलदार प्रतिनियुक्ति पर अन्य विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। इन परिस्थितियों में प्रदेश के एक करोड़ 17 लाख से अधिक राजस्व मामले विचाराधीन बने हुए हैं।
इसी पृष्ठभूमि में उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के सचिव आईएएस एस.पी.एस. रंगाराव ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि नायब तहसीलदारों को संबंधित तहसीलों में प्रभार देकर राजस्व कार्यवाही को गति दी जाए।
यह निर्णय प्रदेश के राजस्व प्रशासन को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है। प्रशासनिक विशेषज्ञों का कहना है कि इससे जहां आम जनता के राजस्व विवादों का समय पर निस्तारण हो सकेगा, वहीं तहसील स्तर पर कार्यकुशलता भी बढ़ेगी।