फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश को औद्योगिक विकास की नई दिशा देने की बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में देवरिया, गौतमबुद्ध नगर, फर्रुखाबाद और शाहजहांपुर में कुल 1607 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई है। इन निवेशों से प्रदेश में इथेनॉल, एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल, स्टार्च, बीयर और पोल्ट्री चारे का उत्पादन बढ़ेगा। सरकार जल्द ही संबंधित कंपनियों को लेटर ऑफ कंफर्ट जारी करेगी, जिससे इन परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त होगा।
इसी क्रम में फर्रुखाबाद के लिए यह खबर औद्योगिक विकास का नया अध्याय लिखने वाली साबित होगी। वुडपेकर ग्रीनएग्री न्यूट्रिएंट्स प्राइवेट लिमिटेड को फर्रुखाबाद में 570 करोड़ रुपये के निवेश को लेकर लेटर ऑफ कंफर्ट दिया जाएगा। कंपनी यहां बीयर, एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल और मक्के के वाणिज्यिक उत्पादन का संयंत्र स्थापित करेगी। यह संयंत्र न केवल जिले की औद्योगिक तस्वीर बदलेगा बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा जरिया बनेगा।
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने बताया कि प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 लागू की है। इस नीति के अंतर्गत उद्योगों को उनकी लागत के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर विशेष प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। वृहद श्रेणी में 50 से 200 करोड़, मेगा श्रेणी में 200 से 500 करोड़, सुपर मेगा श्रेणी में 500 से 3,000 करोड़ और अल्ट्रा मेगा श्रेणी में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले उद्योगों को कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
फर्रुखाबाद में लगने वाला यह संयंत्र सुपर मेगा श्रेणी में आता है, जिसकी अनुमानित लागत 570 करोड़ रुपये होगी। इससे न केवल औद्योगिक उत्पादन में विविधता आएगी बल्कि कृषि उत्पादों, विशेषकर मक्के की मांग भी बढ़ेगी। इसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा क्योंकि मक्का इस उद्योग का प्रमुख कच्चा माल होगा।स्थानीय लोगों का मानना है कि यह परियोजना जिले की आर्थिक स्थिति को नई मजबूती देगी। अब तक फर्रुखाबाद कृषि प्रधान क्षेत्र के रूप में ही पहचाना जाता रहा है, लेकिन इस निवेश से जिले को औद्योगिक नक्शे पर भी खास पहचान मिलेगी। आने वाले वर्षों में यहां से बनने वाला बीयर और अल्कोहल उत्पाद न केवल प्रदेश बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सप्लाई किया जाएगा।औद्योगिक विशेषज्ञों के अनुसार इस संयंत्र से हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। साथ ही सप्लाई चेन से जुड़े छोटे उद्योग भी लाभान्वित होंगे। सरकार का मानना है कि ऐसे निवेश से प्रदेश का औद्योगिक माहौल मजबूत होगा और उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी निवेश गंतव्य बनकर उभरेगा।