बाराबंकी। श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय (SRMU) में पिछले दिनों छात्रों और अभाविप (ABVP) द्वारा उठाए गए विवाद के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ़-सफ़ाई पेश की है। विवाद का केंद्र रहा लॉ और फार्मेसी पाठ्यक्रम की मान्यता और कुछ छात्रों के निलंबन को लेकर उठी आलोचना।
विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया
SRMU की रजिस्ट्रार प्रोफेसर नीरजा जिंदल ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में लगभग 11 हजार छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। ऐसे में केवल 240 छात्रों के लिए विश्वविद्यालय अपनी प्रतिष्ठा और साख को दांव पर नहीं लगाएगा।
रजिस्ट्रार ने कहा कि विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई, लेकिन प्रशासन कानूनी कार्यवाही से पीछे नहीं हटेगा।
रजिस्ट्रार ने बताया कि विश्वविद्यालय ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष मान्यता का आवेदन पहले ही प्रस्तुत कर दिया है।
साथ ही आगामी दो वर्षों की फीस भी जमा कर दी गई है।
यह साफ़ करता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन मान्यता प्रक्रिया में पूरी तरह वैधानिक तरीके से काम कर रहा है।
छात्रों के निलंबन पर टिप्पणी
रजिस्ट्रार ने कहा कि शनिवार को फार्मेसी और सिविल डिप्लोमा के दो छात्रों को एक अलग मामले में निलंबित किया गया था। विश्वविद्यालय ने उन्हें अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया और दो दिन के भीतर मामले का निस्तारण किया गया।
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि किसी भी विवाद या विरोध के बावजूद संस्थान की प्रतिष्ठा और नियमों का पालन सर्वोपरि है।
प्रोफेसर नीरजा जिंदल ने साफ किया:
“हम छात्रों के अधिकारों और वैधानिक प्रक्रियाओं का पूरा ध्यान रखते हुए निर्णय लेते हैं। किसी भी अफवाह या असत्य प्रचार से विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल नहीं होने देंगे।”