सावन में कांवड़ यात्रा के दौरान गोश्त पर रोक का दिया उदाहरण
लखनऊ: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रवक्ता Asim Waqar ने बारावफ़ात (Barawafaat) (ईद-ए-मिलादुन्नबी) के अवसर पर शराब की बिक्री बंद करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब सावन में कांवड़ियों के मार्ग पर गोश्त की दुकानों को बंद कराया जा सकता है, तो मुसलमानों के पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद साहब की पैदाइश के दिन शराब की बिक्री पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती।
असीम वकार ने कहा कि बारावफ़ात मुसलमानों के लिए बेहद पवित्र दिन होता है और इस मौके पर देशभर में जुलूस, मजलिसें और धार्मिक आयोजन होते हैं। ऐसे में इस दिन शराब की खुलेआम बिक्री धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकती है। उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस शासित राज्यों में बारावफ़ात के दिन शराब बिक्री पर प्रतिबंध करवाना चाहिए, ताकि मुसलमानों की धार्मिक आस्थाओं का सम्मान हो सके।
उन्होंने तर्क दिया कि जैसे सरकारें सावन के महीने में श्रद्धालुओं की आस्थाओं का सम्मान करते हुए गोश्त की बिक्री रोकने का आदेश देती हैं, वैसे ही बारावफ़ात पर भी समान संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। वकार के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। उनके समर्थकों का कहना है कि यह मांग पूरी तरह से तार्किक और धार्मिक आस्था से जुड़ी है, जबकि विरोधी दलों का मानना है कि इस तरह के मुद्दों को चुनावी राजनीति से भी जोड़ा जा सकता है।
गौरतलब है कि बारावफ़ात का पर्व इस्लामी महीने रबी-उल-अव्वल की 12 तारीख को मनाया जाता है और इसे पैग़म्बर मोहम्मद साहब की पैदाइश का दिन माना जाता है। इस मौके पर जुलूस और मिलाद की महफ़िलें आयोजित की जाती हैं।