पिता स्व. दयाराम शाक्य की विरासत पर चलते हुए राजनीति में स्वच्छ छवि की गहरी छाप छोड़ी
प्रशांत कटियार
फर्रुखाबाद: राजनीति की दुनिया में जहां प्रायः सत्ता और ताकत का दुरुपयोग देखने को मिलता है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और अमृतपुर विधानसभा से लगातार दूसरी बार व कुल मिलाकर तीसरी बार विधायक बने सुशील शाक्य (MLA Sushil Shakya) अपने सिद्धांतों, सादगी और ईमानदारी की वजह से जनता के दिलों में विशेष स्थान बनाए हुए हैं।
सुशील शाक्य राजनीति की उस विरासत से आते हैं जिसे उनके यसस्वी पिता, स्व. दयाराम शाक्य एडवोकेट ने जनपद में स्थापित किया था। स्व. दयाराम शाक्य कई बार विधायक और सांसद रहे तथा अपनी ईमानदारी और सादगी के लिए जनपद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में प्रतिमूर्ति माने जाते थे। पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए सुशील शाक्य ने भी राजनीति में स्वच्छ छवि और जनता की सेवा की गहरी छाप छोड़ी है।
जनपद में यह गर्व की बात है कि सुशील शाक्य ऐसे अकेले जनप्रतिनिधि हैं जिन पर आज तक कोई उंगली नहीं उठी। उन्होंने कभी भी अपराध और अपराधियों को संरक्षण नहीं दिया। सत्ता की आड़ में न तो उन्होंने जमीनों पर कब्जा किया और न ही ऐसे तत्वों को शरण दी जिनकी आदत ठेकेदारी, मिट्टी या बालू खनन जैसे कार्यों में हो। उन्नत आयु के बावजूद सुशील शाक्य हर कार्यक्रम में पूरी सक्रियता से भाग लेते हैं। वे न केवल राजनीति बल्कि सामाजिक सरोकारों से भी गहराई से जुड़े रहते हैं। जनसमस्याओं को सुनना और उनके समाधान के लिए तत्पर रहना उनकी कार्यशैली की पहचान है।
सुशील शाक्य हमेशा से माफिया तंत्र और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को आगे बढ़ाने में अहम योगदान दिया। यही वजह है कि उनकी छवि एक ऐसे नेता की बनी है जो जनहित के सवालों पर किसी भी दबाव के आगे झुकता नहीं।
सुशील शाक्य की साफ-सुथरी छवि, पिता से मिली ईमानदार राजनीतिक विरासत और जनता के प्रति समर्पण भाव ने उन्हें अमृतपुर ही नहीं बल्कि पूरे फर्रुखाबाद जनपद का गौरव बना दिया है। आज वे उन चंद नेताओं में गिने जाते हैं जो राजनीति में सिर्फ सेवा और सिद्धांतों को सर्वोपरि मानते हैं।