अमृतपुर फर्रुखाबाद 29 अगस्त: योगी सरकार (yogi government) की मित्र पुलिस कब किस समय कौन सा कारनामा कर बैठे कोई नहीं जानता। तिलस्म की दुनिया के यह खिलाड़ी किस रूप में खुद को पेश कर दें यह भी किसी को पता नहीं चलता। रस्सी का सांप और सांप की रस्सी बना देना इन पुलिस वालों को अच्छी तरह से आता है। ऐसा ही एक मामला थाना राजेपुर का है। इसी थाना क्षेत्र के ग्राम शेराखार निवासी बिजकेश पुत्र सूरजपाल ने अमृतपुर तहसील में हलफनामा देते हुए अवगत कराया कि थाना राजेपुर में 25 अगस्त को एक मुकदमा (Case filed) उसे बादी बनाते हुए लिखा गया।
जिसमें उसने ना तो कभी तहरीर दी और ना ही उन व्यक्तियों को जानता है जिनके विरुद्ध मुकदमा लिखा गया। 22 अगस्त की रात 1 बजे ग्राम बिरसिंहपुर में एक मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति अंकुर पुत्र सुरेंद्र निवासी बिरियाडेरा थाना कुरवाई जिला विदिशा पहुंच गया। जहां कुछ लोगों ने उसे चोर समझ कर उसके साथ मारपीट की। इसके उपरांत वह वहां से चला गया। इसी मामले को लेकर थाना पुलिस ने धारा 115 352 191 126 127 के अंतर्गत आठ लोग जिसमें अर्जुन कुलदीप तेज प्रताप हरेंद्र राम सिंह अभय राजन एक अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया और उसमें बादी शेरखान के बिजकेस को बना दिया।
थाना अध्यक्ष राजेपुर का कहना है कि मुकदमा लिखा गया है और जिस व्यक्ति ने हालतनामा दिया है वह एक जांच का विषय है। विवेचक इसकी जांच करेगा और जो सच्चाई होगी उसी के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। जांच हो या कार्यवाही हो अथवा कुछ भी न हो लेकिन जिन लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया गया उन्हें मानसिक पीड़ा से तो गुजरना ही पड़ता है। थाने के चक्कर लगाने पड़ते हैं और बाद में कचहरी भी जाना पड़ता है।
ऐसी स्थिति में अगर किसी व्यक्ति के विरुद्ध कानून की धाराओं का दुरुपयोग किया जाए तो इसमें दोसी कौन है। और अगर कोई व्यक्ति दोषी है तो उसके विरुद्ध भी कानून की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए फिर वो चाहे सरकारी कर्मचारी हो या पब्लिक का नुमाइंदा।