26 C
Lucknow
Monday, October 27, 2025

हाई स्टेटस का दिखावा और ईएमआई का मकड़जाल

Must read

– सूदखोरों के जाल में फंस कर परिवार हो रहे बर्बाद
– महंगी पाश कालोनी में पड़ोसी की हाई स्टेटस सिंबल बराबरी करने की बढ़ रही प्रतिस्पर्धा
– कर्ज लेकर महंगे शौक करने की प्रतिस्पर्धा में युवा अवसाद की ओर बढ़ रहा

शाहजहांपुर: आधुनिक दौर में समाज में दिखावे की दौड़ तेज होती जा रही है। पाश कॉलोनियों (Loop colonies) में रहने की होड़, महंगी गाड़ियों की रफ्तार और मोबाइल की चमक सब मिलकर एक नया ट्रेंड गढ़ रहे हैं। वास्तविकता यह है कि 10 हजार गज की जमीन की हैसियत रखने वाले भी 50 हजार गज की पाश कॉलोनी में जमीन खरीदकर खुद को हाई प्रोफ़ाइल स्टेटस (high profile status) साबित करना चाहते हैं। युवाओं के बीच तो यह प्रवृत्ति और भी तेजी से फैल रही है। महंगे मोबाइल लेकर रील बनाना, हर महीने बाहर घूमने जाना, महंगे रेस्त्रां में डिनर करना अब एक फैशन बन चुका है। लेकिन यह फैशन धीरे-धीरे फांस बनकर उन्हें जकड़ रहा है।

दरअसल, इस चमक-दमक के पीछे ईएमआई का मकड़जाल है। घर, गाड़ी, मोबाइल, यहां तक कि घूमने-फिरने के खर्च भी अब किस्तों में पूरे किए जाते हैं। महीने की आधी कमाई बैंकों और ऐप्स की ईएमआई चुकाने में चली जाती है, फिर बाकी पैसों से घर की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पातीं। नतीजा यह कि तनाव बढ़ता है, कर्ज का बोझ सिर पर चढ़ता है और पारिवारिक जीवन असंतुलित हो जाता है।

सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह प्रवृत्ति युवा पीढ़ी को दिखावे और प्रतिस्पर्धा की अंधी दौड़ में तेज़ी से धकेल रही है। वे सादगी और संयम की शिक्षा भूलते जा रहे हैं। बच्चों के सामने माता-पिता की किस्तों और कर्ज से जूझती जिंदगी एक ऐसा उदाहरण बन जाती है, जिससे समाज में असंतोष और हताशा की भावना गहराती है। जिससे इंसान धीरे धीरे अवसाद में चला जाता है और कभी कभी पूरा परिवार आत्महत्या के अंजाम तक पहुंच जाता है।

Must read

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article