– ‘पहले आओ, पहले पाओ’ प्रवेश प्रणाली को किया दरकिनार
– आगरा में भी वित्तीय गड़बड़ी के चलते निलंबन
वाराणसी: आई टी आई करौदी के प्रधानाचार्य (principal) मुकेश कुमार सिंह द्वारा शासकीय नियमों (government rules) के विपरीत कार्य करने का मामला प्रकाश में आया है। आई टी आई करौदी में 2025 की रिक्त सीटें अभी तक नही भरी गई हैं, आईटीआई करौदी के प्रधानाचार्य मुकेश कुमार सिंह पर शासकीय नियमों की खुली अवहेलना और निजी स्वार्थ में सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं।
वर्ष 2025 की रिक्त सीटों को भरने के लिए शासन द्वारा जारी ‘पहले आओ, पहले पाओ’ प्रवेश प्रणाली को दरकिनार करते हुए, 27 अगस्त को अभ्यर्थियों को गुमराह किया गया और प्रवेश की तारीख 1 सितंबर बताई गई। इस अव्यवस्था की शिकायत संयुक्त निदेशक केएम सिंह से की गई, जिन्होंने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने को कहा।
इसके अलावा, प्रधानाचार्य पर बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के आवास आवंटन में अनियमितता बरतने, वरिष्ठ कर्मचारियों को वंचित कर कनिष्ठों को आवास देने का आरोप है। प्रशिक्षार्थियों के लिए दी गई इलेक्ट्रिक कार और संस्थान के एयर कंडिशनर का निजी उपयोग, तथा अपने सरकारी आवास में ही अधिकतर समय बिताना भी उनकी मनमानी को दर्शाता है।
अतिथि वक्ताओं के वेतन में मनमाने कटौती और पूर्व में आगरा में भी वित्तीय गड़बड़ी के चलते निलंबन की पृष्ठभूमि ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। पूरे प्रकरण में उच्चस्तरीय जांच और जवाबदेही तय किया जाना आवश्यक हो गया है।